सरधना विधायक अतुल प्रधान का विरोध रंग लाया। समीक्षा बैठक शुरु होने से ठीक पहले अंदर से निमंत्रण आया और वह बैठक में शामिल होने चले गए। इस बात को लेकर अतुल प्रधान ने सीएम के समक्ष नाराजगी जताई है। साथ ही भ्रष्टाचार जैसे कई बिंदुओं पर अपना पक्ष रखते हुए
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आइए डालते हैं पूरे मामले पर नजर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ऊर्जा भवन में समीक्षा बैठक थी, जिसमें सभी जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया था। सपा विधायक अतुल प्रधान पहुंचे तो अफसरों ने उन्हें गेट पर ही रोक लिया। इसी से नाराज होकर अतुल प्रधान गेट पर ही बैठ गए। उन्होंने हाथ में सरधना विधायक (बाद में विपक्ष का विधायक) लिखी पट्टी लेकर अनूठे अंदाज में अपना विरोध दर्ज कराया। हालांकि समीक्षा बैठक शुरु होने से ठीक पहले उन्हें अंदर बुला लिया गया।
विधायक बोले – जनता ने चुनकर सदन में भेजा
सपा विधायक ने कहा कि वह एक जनप्रतिनिधि हैं। उन पर भी एक क्षेत्र की जिम्मेदारी है। वह नहीं जानते कि सत्ता पक्ष के लोग कुछ बताएंगे या नहीं लेकिन वह अपनी बात बताएंगे। उन्होंने सीएम के समक्ष बारी बारी उन विषयों को रखा, जिससे वर्तमान में जनता बहुत परेशान है। सपा विधायक ने बताया कि उन्होंने भूमाफियाओं का मुद्दा उठाया। कहा कि पूर्व में भूमाफियाओं पर कार्रवाई के लिए उन्हें चिह्नित किया गया था लेकिन वह फेहरिस्त ना जाने कहां दबकर रह गई। उन्होंने भूमाफियाओं को नये सिरे से चिह्नित कर जेल भेजने की मांग की। सपा विधायक ने स्टेट हाईवे का मुद्दा भी सीएम के समक्ष उठाया और उनका विस्तार करने की मांग की।
अफसरों पर जमकर निकाली भड़ास समीक्षा बैठक में देरी से बुलाने पर सपा विधायक भड़क गए। उन्होंने अफसरों को नसीहत दे डाली कि उनका लोकतंत्र पर पहरा जनहित विरोधी है। चुने हुए प्रतिनिधि का सम्मान करना जनता के पैसों से तनख्वा पा रहे लोगों का कर्तव्य बनता है। जनता ने उन्हें जिताकर भेजा है ताकि वह उनकी बात शासन तक पहुंचा सके। अब जब मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक के लिए पहुंचे तो विपक्ष के नेताओं को रोक लिया।
विधायक बोले – सदन में उठाऊंगा मुद्दा खुद को समीक्षा बैठक से बाहर रखने पर सपा विधायक खासे नाराज दिखे। उन्होंने कह दिया कि वह सदन में इस मुद्दे को उठाने का काम करेंगे। वहां बताएंगे कि किस तरह से अफसरों ने उन्हें एक घंटे तक बाहर रोके रखा। कई अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया लेकिन कोई अधिकारी वार्ता के लिए तैयार नहीं था। हालांकि सीएम ने सभी जनप्रतिनिधि को पूर्ण सम्मान दिए जाने का समर्थक किया।
इन मुद्दों को भी विधायक ने उठाया
– जाम का मुद्दा।
– तहसील के भ्रष्टाचार का मुद्दा।
– मलिन बस्तियों में जलभराव का मुद्दा।
– मेडिकल कॉलेज व प्राइवेट अस्पतालों में मनमानी का मुद्दा।
– गन्ने का मुद्दा।
– खाद की चोरी का मुद्दा।