Afcons Infrastructure IPO 2024; Price Band, Lot Size| Lisitng Date | एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर ​​​​​​​का IPO आज ओपन होगा: 29 अक्टूबर तक बोली लगा सकेंगे; कंस्ट्रक्शन, ऑयल एंड गैस सेक्टर में काम करती है कंपनी

मुंबई11 मिनट पहले

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ट्रांसपोर्ट, कंस्ट्रक्शन, ऑयल एंड गैस सेक्टर में काम करने वाली कंपनी एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) आज ओपन होगा। निवेशक इस इश्यू के लिए 29 अक्टूबर तक बोली लगा सकेंगे। कंपनी के शेयर 4 नवंबर को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे।

इस इश्यू के जरिए कंपनी 5,430 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी 1,250 करोड़ रुपए के 2,69,97,840 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। जबकि, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए 4,180 करोड़ रुपए के 9,02,80,778 शेयर बेच रहे हैं।

अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं।

मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं?

एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने इस इश्यू का प्राइस बैंड 440 रुपए से 463 रुपए प्रति शेयर तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 32 शेयर्स के लिए बोली लगा सकते हैं।

यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड 463 रुपए के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए 14,816 रुपए लगाने होंगे।

वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 416 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से 1,92,608 इन्वेस्ट करना होगा।

इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व

कंपनी ने इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा करीब 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है।

कॉर्पोरेट पर्पज के लिए 600 करोड़ रुपए खर्च करेगी एफकॉन

फ्रेश इश्यू से मिले फंड में से 80 करोड़ रुपए तक का उपयोग कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट्स खरीदने, वर्किंग कैपिटल रिक्वायरमेंट की फंडिंग के लिए 320 करोड़ रुपए और कंपनी द्वारा लिए गए कुछ बकाया उधारों के एक हिस्से के प्रीपेमेंट या शेड्यूल्ड रीपेमेंट और सामान्य कॉर्पोरेट पर्पज के लिए 600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

एफकॉन पांच मेजर इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस ऑपरेट करती है:

  • मरीन एंड इंडस्ट्रियल- इसमें पोर्ट्स, हार्बर्स, ड्राइ डॉक्स, LNG टैंक और मटेरियल हैंडलिंग सिस्टम जैसी प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।
  • सरफेस ट्रांसपोर्ट- इसमें हाईवे, इंटरचेंज, माइनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और रेलवे शामिल हैं।
  • शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर- इसमें मेट्रो वर्क्स, ब्रिज, फ्लाईओवर और एलिवेटेड कॉरिडोर शामिल हैं।
  • हाइड्रो और अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट्स- इसमें डैम, टनल, और वाटर रिलेटेड प्रोजेक्ट्स।
  • ऑयल एंड गैस- इसमें ऑयल एंड गैस सेक्टर में ऑफशोर और ऑनशोर प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।

FY 2023 में AIL का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 13,267.50 करोड़ रुपए

वित्त वर्ष 2023 में AIL का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 12,637.38 करोड़ रुपए से बढ़कर 2024 में 13,267.50 करोड़ रुपए रहा। इस दौरान कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स 449.74 करोड़ रुपए रहा, जो वित्त वर्ष 2023 में 410.86 करोड़ रुपए था।

फिच रिपोर्ट के मुताबिक, देश के बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में एफकॉन रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड (ROCE) यानी लागत के मुकाबले रिटर्न और EBITDA मार्जिन के मामले में टॉप पर है। वित्त वर्ष 2024 के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) और प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) के मामले में टॉप पर है।

30 जून 2024 को समाप्त तिमाही में कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 3,154.36 करोड़ रुपए और प्रॉफिट आफ्टर टैक्स 91.59 करोड़ रुपए रहा। 30 जून 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक, एफकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर की ऑर्डर बुक 31,747.43 करोड़ रुपए की है।

IPO क्या होता है?

जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।

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