चंडीगढ़ में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के आरोप में गिरफ्तार किए गए दो युवकों को 9 साल बाद सबूतों के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया। कैथल, हरियाणा के रहने वाले सोनू चहल उर्फ साहिल और मनीमाजरा निवासी हरमीत सिंह उर्फ अमन को 2015 में सेक्टर-17 थाना पुलिस
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पीड़ित पक्ष अदालत में अपने बयान से पलटा, जिसके बाद आरोपियों के वकील अरुण वोहरा ने बहस के दौरान अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल को झूठे आरोपों में फंसाया गया था। कोर्ट ने सभी तथ्यों और दलीलों को सुनने के बाद दोनों को बरी कर दिया।
सेक्टर-19 के पंकज ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि जून 2015 में नौकरी के विज्ञापन के जरिए वह सेक्टर-22 में साहिल और अमन से मिला था। दोनों ने उसे नौकरी लगवाने का झांसा देकर 14 हजार रुपए ले लिए, लेकिन ज्वाइनिंग लेटर नहीं दिया। विरोध करने पर आरोपियों ने 12 हजार रुपए का चेक दिया, जो बाउंस हो गया। हालांकि, अदालत में उसने अपनी इस शिकायत से मुकरते हुए बयान बदल दिए, जिससे केस कमजोर हो गया।