सूरत5 घंटे पहले
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सूरत क्राइम ब्रांच ने तमराज को उत्तर प्रदेश के नोएडा से गिरफ्तार किया।
पिछले दस सालों से फरार आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं का कट्टर अनुयायी ताम्रध्वज उर्फ तामराज आखिरकर 10 सालों बाद गुजरात पुलिस की पकड़ में आ गया। आरोपी आसाराम के खिलाफ आवाज उठाने वाले कई लोगों की हत्या और जानलेवा हमलों के मामले में 6 राज्यों में वॉन्टेड था। इतना ही नहीं, उस पर हरियाणा सरकार ने 50 हजार रुपए का इनाम भी रखा है।

सूरत पुलिस कमिश्नर अनूप सिंह गहलोत।
गिरफ्तारी से बचने ईसाई बन गया था सूरत पुलिस कमिश्नर अनूप सिंह गहलोत ने बताया कि सूरत क्राइम ब्रांच ने तामराज को यूपी के नोएडा से गिरफ्तार किया है। आरोपी की गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। दरअसल, आरोपी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए धर्म परिवर्तन कर लिया था। अब वह स्टीफन नाम से नोएडा में एक मिशनरी में रह रहा था।
आसाराम-नारायण साईं के खिलाफ आवाज उठाने वाले थे तामराज के दुश्मन इतना ही नहीं, तामराज ने जेल में आसाराम और नारायण साईं से मिलने की भी कई बार कोशिश की, लेकिन पकड़े जाने के डर से हर बार नाकाम रहा। वह आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं का इतना कट्टर समर्थक था कि उनके खिलाफ आवाज उठाने वाला हर शख्स उसके निशाने पर होता था।

हरियाणा सरकार ने तमराज पर 50,000 रुपये का इनाम रखा था।
हरियाणा सरकार ने रखा है 50 हजार का इनाम देशभर में आसाराम और नारायण साईं के खिलाफ दर्ज बलात्कार और मारपीट के मामलों में गवाहों पर तेजाब फेंकने, जानलेवा हमला करने और हत्या करने के मामले में शामिल मोस्ट वांटेड आरोपी ताम्रध्वज उर्फ तामराज उर्फ राज उर्फ स्टीफन (उम्र 37, पुत्र हरिराम शाहू) को सूरत शहर की क्राइम ब्रांच ने उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर से गिरफ्तार किया है। आरोपी छत्तीसगढ़ के राजनाथगांव जिले के डोंगरियांव थाना क्षेत्र के बड़भूम गांव का मूल निवासी है। हरियाणा सरकार ने तमराज पर 50,000 रुपये का इनाम रखा था।

आरोपी की गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
तामराज और उसकी गैंग के खिलाफ कई राज्यों में दर्ज मामले
- मार्च 2024: सूरत के उमरा इलाके में साक्षी की मदद करने के शक में दिनेशभाई भागचंदानी पर एसिड अटैक।
- जुलाई 2014: वेद अमृत प्रजापति की राजकोट में गोली मारकर हत्या।
- जनवरी 2015: मुजफ्फरनगर में अखिल गुप्ता की गोली मारकर हत्या।
- होशंगाबाद (मध्य प्रदेश): ओम प्रकाश प्रजापति और उनकी पत्नी पर गोलीबारी।
- मई 2015: पानीपत (हरियाणा) में मीडिया के सामने आसाराम के खिलाफ बयान दे रहे महेंद्र चावला को उनके अस्तबल में गोली मार दी गई थी। हालांकि, उसने छत से कूदकर अपनी जान बचा ली थी।
- जुलाई 2015: सहजनपुर में कृपाल सिंह की हत्या कर दी गई थी।
- अज्ञात शव: किशन चौधरी उर्फ निर्भय और भानु के शव महाराष्ट्र के बुलढाणा में मिले, दोनों ही आसाराम के खिलाफ गवाही देने की तैयारी कर रहे थे। बताया गया कि यह हमला विस्फोटकों के जरिए किया गया था।
- रायपुर (छत्तीसगढ़): उसने बैंक ऑफ बड़ौदा को लूटने की कोशिश की, लेकिन जब पुलिस ने उसे पकड़ लिया तो उसने आंखों में मिर्च पाउडर फेंककर भाग गया।
- रायपुर (छत्तीसगढ़): चोरी का मामला दर्ज।
- सूरत (खोतोदरा, 2014): विमलेश ठक्कर पर चाकू से हमला।
- सूरत (अडाजण, 2014): राकेश जयंतीभाई पटेल पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला।
- गाजियाबाद (यूपी): आसाराम के रसोइए और बलात्कार मामले में गवाह अखिल गुप्ता की गोली मारकर हत्या।
और कसेगा आसाराम-नारायण साईं पर शिकंजा तमराज से पूछताछ के बाद जांच का दायरा बढ़ेगा और आसाराम व नारायण साईं के आपराधिक नेटवर्क से जुड़े और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। आसाराम और नारायण साईं के सिंडिकेट के अन्य अपराधों और सीक्रेट फंडिंग की भी जानकारी मिल सकती है।