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चारों धाम में से एक रामेश्वरम धाम में इन दिनों महासमुंद के नगर पुरोहित पं. पंकज तिवारी द्वारा श्रीमद भागवत कथा का बखान किया जा रहा है। भागवत कथा का पुण्य लाभ अर्जित करने नगर से करीब 50 से अधिक तीर्थयात्रियों का जत्था रामेश्वरम धाम में कथा श्रवण का लाभ ले रहे हैं।
तीर्थयात्रियों द्वारा सोमवार को रामेश्वरम के समुद्र तट पर भूतभावन आशुतोष महादेव की बालू का शिवलिंग बनाकर अभिषेक किया गया। आचार्य पंकज तिवारी के सानिध्य में सात पुरोहितों ने विधि-विधान के साथ अभिषेक कार्य संपन्न कराया। सभी तीर्थयात्रियों ने अपने-अपने नाम से बालू का शिवलिंग बनाया और विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर विसर्जित किया। भागवत कथा आयोजन समिति के मूलचंद लड्ढा, राजेश नायक, दिलीप जैन, देवेंद्र चंद्राकर ने बताया कि तीर्थ यात्रियों के लिए यह प्रथम अवसर था जब समुद्र के किनारे इस तरह के आयोजन में पहली बार शामिल हो रहे थे। जैसे ही पंडितों ने शंखनाद किया वैसे ही अन्य प्रांतों से समुद्र स्नान करने पहुंचे तीर्थयात्री भी दर्शन लाभ लेने पहुंच कर अभिषेक का दर्शन लाभ लिया। तीर्थ यात्रियों ने सर्वप्रथम समुद्र स्नान किया और समुद्र देव की पूजा अर्चना के बाद सभी समुद्र तट पर घेरा बनाकर बैठ गए। धरती पूजन के बाद मंत्रोच्चार के बीच सभी तीर्थयात्रियों ने बालू से शिवलिंग बनाने का कार्य आरंभ किया। शिवलिंग निर्माण के बाद पूजा और आरती के बाद बनाए गए शिवलिंग को विसर्जित किया गया।
पूजन विधान में ये रहे शामिल पूजन विधान में कमलेश चौबे, दिनेश चौबे, सूर्यप्रकाश चौबे, रिकेश दुबे, चिराग धर दीवान, शंकर दुबे आदि की भूमिका रही। वहीं तीर्थ यात्रियों में प्रमुख रूप से शंकर पांडे, इंद्राणी पांडे, मनोजकांत साहू, सीतादेवी साहू, हेमंत चंद्राकर, तारा चंद्राकर, मारकंडे चंद्राकर, विजय चंद्राकर, विपिन चंद्राकर, दुर्गेश चंद्राकर, जूली चंद्राकर, अणुरेंद्रधर दीवान, सुनीता दीवान, शीला पांडे, विमला, कुमारी साहू, रश्मि, सीमा लड्ढा, पुष्पलता अग्रवाल आदि मौजूद रहे।