A plant to make fertilizer from wet waste will be set up in Jamsher | जमशेर में गीले कचरे से खाद बनाने का लगेगा प्लांट – Jalandhar News


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जमशेर डेयरी कॉम्प्लेक्स में 27 करोड़ रुपए से गीले कचरे से बायो-गैस का प्लांट लगेगा। इसके लिए चंडीगढ़ से मंजूरी मिल चुकी है। अब कंपनी का चयन होगा, जो पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर प्लांट का निर्माण करेगी। यहां पर गीले कचर से 100 टन प्रति दिन गैस का उत्पादन होगा। कॉन्ट्रैक्टर गैस की बिक्री भी करेगा।

नगर िनगम हद में रोज 600 टन से अधिक कचरा घरों से निकलता है। इसमें रैग पिकर्स कचरे को डंप पर गिराते हैं। वहां से निगम वाहनों से कचरे को वरियाणा में डंप करते हैं, लेकिन किसी भी स्तर पर कचरे की प्रोसेसिंग नहीं होती है। हाल ही में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सिटी में कचरे की प्रोसेसिंग का प्लान तलब किया था।

इसलिए निगम ने जमशेर डेयरी कॉम्प्लेक्स में 4 एकड़ जमीन पर प्लांट लगाने का काम होगा। इसमें निगम कंपनी को लीज पर 25 साल के जमीन देगी। इसके लिए 12 जून को टेंडर की टेक्निकल बिड खोल दी है और फाइनेंशियल बिड के बाद वर्क ऑर्डर जारी होगा।

इस संबंध में एक्सईएन रामपाल ने कहा कि जमशेर डेयरी कॉम्प्लेक्स में गीले कचरे से बायो सीएनजी गैस बनेगी। इसके लिए 4 एकड़ जमीन में प्लांट बनेगा। जिक्रयोग है कि जमशेर में बायो-सीएनजी प्लांट भी लगेगा जमेशर डेयरी कॉम्प्लेक्स में बायो-सीएनजी गैस का प्लांट भी लगेगा। इसके लिए कंपनी से एग्रीमेंट भी हो चुका है।

कंपनी गोबर से बायो-सीएनजी बनाने का काम करेगी। इस सीएनजी का उपयोग वाहनों में भी किया जाएगा। इसके लिए कंपनी को निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी मिल चुकी है।

फोलड़ीवाल में ड्रम कंपोस्टिंग तकनीक से खाद बनाने का काम शुरू होगा। इस आधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट में कचरे से बदबू भी नहीं आएगी। इस प्लांट पर दस टन प्रतिदिन की क्षमता के साथ ड्रम आधारित यांत्रिक खाद बनेगी।

वहीं निगम अपनी कचरे से खाद बनाने की पिट्स भी शुरू करेगा। इसके लिए आउट सोर्सिंग पर मुलाजिमों को रखा जाएगा, क्योंकि अभी स्टॉफ नहीं होने फोलड़ीवाल, दकोहा, बडिंग में कचरे से खाद बनाने की पिट्स बंद हैं।

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