A festival that gives Akshaya Punya: The whole day is auspicious for shopping, transactions, and investment in real estate in Sapt Mahayog | अक्षय पुण्य देने वाला पर्व: सप्त महायोग में खरीदारी, लेन-देन और रियल एस्टेट में निवेश के लिए पूरा दिन शुभ

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48 मिनट पहले

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आज अक्षय तृतीया है। इस दिन को शुभ मुहूर्त का दर्जा मिला हुआ है। माना जाता है कि इस दिन किया गया काम शुभ और फायदा देने वाला होता है।

ग्रंथों के मुताबिक इस दिन जरूरतमंद लोगों को किए गए दान से मिलने वाला पुण्य कभी खत्म नहीं होता है। ये दिन खरीदारी और नई शुरुआत के लिए भी अक्षय फायदा देने वाला माना जाता है। आज नई शुरुआत और खरीदारी के लिए अबूझ मुहूर्त है। यानी पूरे दिन धर्म-कर्म से लेकर सभी खास काम कर सकते हैं।

पंडितों का मानना है कि अक्षय तृतीया शुभारंभ का पर्व है। इस दिन किया गया दान, पूजन, हवन सहित सभी पुण्य कार्य अक्षय फल देते हैं।

मांगलिक या शुभ काम करने के लिए भी ये तिथि ही सबसे अच्छी मानी जाती है, क्योंकि ज्योतिष ग्रंथों में इसे स्वयं सिद्ध मुहूर्त कहा गया है। यानी बिना पंचांग देखे इस दिन कोई भी काम कर सकते हैं। उसमें सफल होना तय माना जाता है।

सात महायोग और सूर्य-चंद्रमा उच्च राशि में
सितारे भी इस पर्व को बेहद खास बना रहे हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि इस बार सूर्य, चंद्रमा उच्च राशि में और शनि अपनी ही राशि में रहेंगे। साथ ही मित्र, मानस, पारिजात, गजकेसरी, अमल, वासी और शश नाम के सात शुभ योग बन रहे हैं। ऐसा संयोग सैकड़ों सालों में एक बार बनता है। जिससे इस दिन किए कामों से सुख और समृद्धि बढ़ेगी।

सितारों के इस शुभ संयोग के चलते अक्षय तृतीया पर किए गए स्नान-दान से महापुण्य मिलता है। ग्रंथों के मुताबिक इस दिन 14 तरह की चीजों का दान करने की परंपरा है। धर्मग्रंथों के जानकारों का कहना है कि आर्थिक स्थिति ठीक न हो तो इनमें से किसी एक चीज का भी दान करने से महापुण्य मिलता है। इनके अलावा जरूरतमंद लोगों को मौसम के हिसाब से जरूरी चीजों का दान कर सकते हैं।

मान्यता है कि जो लोग सोना नहीं खरीद सकते, वो किसी भी धातु से बनी भगवान की मूर्ति खरीद सकते हैं। सोने के अलावा अक्षय तृतीया पर कीमती धातुओं, ज्वेलरी, मशीनरी और भूमि-भवन की खरीदारी खासतौर से की जाती है। इनके अलावा कपड़े, बर्तन, फर्नीचर भी खरीद सकते हैं। इस पर्व पर रियल एस्टेट में निवेश करने की भी परंपरा है। साथ ही नौकरी और बिजनेस का खास एग्रीमेंट भी इस दिन करना फायदेमंद होता है।

शादी की परंपरा: इस दिन कन्या दान से अक्षय पुण्य
अक्षय तृतीया अबूझ मुहूर्त है। इस दिन शादी करने के लिए मुहूर्त निकलवाने की जरूरत नहीं पड़ती। पद्म, नारद और स्कंद पुराण समेत कई ग्रंथों का कहना है कि अक्षय तृतीया पर किए गए दान से मिलने वाला पुण्य कभी खत्म नहीं होता है। वहीं, पुराणों में कन्या दान को महादान कहा गया है, इसलिए इस दिन बहुत से लोग शादियां करते हैं।

इस साल अक्षय तृतीया पर गुरु और शुक्र अस्त है। इस कारण शादियों के मुहूर्त नहीं है, क्योंकि पंडितों का कहना है कि अबूझ मुहूर्त होने पर भी अगर गुरु या शुक्र ग्रह अस्त हो तो शादी नहीं करनी चाहिए।

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