Malayalam actresses accused of sexual harassment, SIT formed | मलयालम एक्ट्रेसेस से यौन शोषण के आरोप, SIT बनी: हेमा कमीशन की रिपोर्ट में दावा- हीरो करते हैं मनमानी, रोल के बदले फेवर मांगते हैं मेकर्स

तिरुवनंतपुरम5 मिनट पहले

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केरल सरकार ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए एक सीनियर पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) बनाने का फैसला किया है।

दरअसल 19 अगस्त को हाईकोर्ट की पूर्व जज हेमा ने मलयालम इंडस्ट्री में एक्ट्रेसेस के साथ हो रहे र्दुव्यवहार को लेकर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को 295 पन्नों की एक रिपोर्ट सौंपी थी।

इस रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में चल रहे कास्टिंग काउच और सेक्सुअल हैरेसमेंट जैसे गंभीर मुद्दों का जिक्र है। इस रिपोर्ट की कॉपी आरटीआई एक्ट के तहत मीडिया को भी सौंपी गई है।

पूर्व हाईकोर्ट जज के. हेमा जिन्होंने यह रिपोर्ट तैयार की है।

पूर्व हाईकोर्ट जज के. हेमा जिन्होंने यह रिपोर्ट तैयार की है।

महिलाओं ने लगाए गलत डिमांड के आरोप
कमीशन की रिपोर्ट फिल्म इंडस्ट्री के अंदर हुई कई ऐसी घटनाओं पर सवाल खड़े करती है, जिससे मलयालम फिल्म इंडस्ट्री का वर्क कल्चर सवालों के घेरे में है।

रिपोर्ट के मुताबिक मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाली कई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि काम शुरू करने से पहले ही उनके साथ गलत डिमांड की जाती है।

रिपोर्ट में लिखा गया है कि ये चकाचौंध से भरी दुनिया है जिसमें दूर से सब सही लगता है लेकिन अंदर से यह पूरी तरह घ‍िनौनी है।

हाल ही में WICC (वुमन इन सिनेमा कलेक्टिव) के सभी मेंबर्स ने भी केरल सीएम से मुलाकात की थी। यह मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाली महिलाओं के लिए एक संगठन है।

हाल ही में WICC (वुमन इन सिनेमा कलेक्टिव) के सभी मेंबर्स ने भी केरल सीएम से मुलाकात की थी। यह मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाली महिलाओं के लिए एक संगठन है।

मेल एक्टर्स और मेकर्स का दबदबा
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री कुछ मेकर्स, निर्देशकों और एक्टर्स के नियंत्रण में है। ये सभी पुरुष हैं। वे पूरे मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को नियंत्रित करते हैं और वहां काम करने वाले लोगों पर हावी होते हैं।

इन पावरफुल लोगों के ग्रुप को ‘माफिया’ कहा गया है क्योंकि वे अपने खिलाफ बोलने वालों के करियर को बर्बाद करने की ताकत रखते हैं। रिपोर्ट में कुछ बड़े एक्टर्स के इस ग्रुप शामिल होने का दावा किया गया है।

2017 में हुआ था हेमा कमीशन का गठन
हेमा कमीशन का गठन 2017 में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने के लिए किया गया था। पूर्व हाईकोर्ट जज जस्टिस हेमा, वेटरन एक्टर शारदा और रिटायर्ड IAS ऑफिसी केबी वलसाला कुमारी इसका हिस्सा हैं।

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