हरियाणा सरकार की एक बस को लेकर शुरू हुए विवाद को लेकर फिलहाल कुछ समाधान नहीं हो सका है। हालांकि पंचकूला में जिन सीटीयू की बसों को इम्पाउंड किया गया था उनको छोड़ दिया गया है। ये बसें अब फिर रूट पर चलनी शुरू हो गई हैं। मंगलवार शाम एडवाइजर टू एडमिनिस्ट्
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दरअसल हरियाणा सरकार की तरफ से कालका से पीजीआई चंडीगढ़ के लिए एक इलेक्ट्रिक बस चलाने को लेकर ये विवाद शुरू हुआ था। सीटीयू वर्कर्स यूनियन की तरफ से हरियाणा की इस बस को लेकर विरोध किया गया और इस पर कार्रवाई भी हुई। जिसके बाद पंचकूला में भी सीटीयू की बसों को जब्त किया गया और कुछ के चालान काट दिए गए। एक तरफ सीटीयू वर्कर्स यूनियन की तरफ से कहा जा रहा है कि जो बस हरियाणा ने चलाई है उसको लेकर कोई परमिशन उनके पास नहीं है। ये चंडीगढ़ प्रशासन की ट्रांसपोर्ट पॉलिसी का भी उल्लघंन है। हालांकि मीटिंग में इसको लेकर कुछ फाइनल नहीं हुआ है।
मीटिंग में चंडीगढ़ में पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन (बस सर्विस) के कानूनी प्रावधानों को लेकर चर्चा की गई है। हालांकि बिना परमिट के बसें न चलाने को लेकर कहा गया है। चंडीगढ़ गवर्नमेंट ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन की तरफ से इस मामले को लेकर धरना प्रदर्शन और रोष रैली निकाली गई। यूनियन ने हरियाणा सरकार की कालका से पीजीआई बस चलाने के खिलाफ सेक्टर-17 बस अड्डे में मंगलवार को रैली की।
यूनियन प्रधान जसवंत सिंह जसा, पार्टी प्रधान सुरिंदर सिंह व अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि हरियाणा सरकार कालका और पंचकूला हलके के चुनाव में लाभ लेने के लिए ये बस चलाकर धक्केशाही कर रही है। नेताओं ने कहा कि हरियाणा सरकार चंडीगढ़ प्रशासन की ट्रांसपोर्ट पॉलिसी को अनदेखा कर रही है।