Haryana Assembly Election Date Update ECI Team Chandigarh Haryana Tour | 3 कारणों से जल्दी हो रहे हरियाणा विधानसभा चुनाव: जम्मू-कश्मीर से कनेक्शन; तैयारियां परखने आज ECI टीम आएगी, CM सैनी ने अफसर अलर्ट किए – Haryana News

2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव का नोटिफिकेशन 21 सितंबर को जारी किया गया थ।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव टाइम से पहले होने जा रहे हैं। इसे लेकर भारतीय चुनाव आयोग (ECI) की टीम सोमवार को हरियाणा दौरे पर आ रही है। इस दौरान टीम 2 दिन चंडीगढ़ में रहेगी। वह जल्दी होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को परखेगी। साथ ही राजनीतिक दलों क

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टीम अलग-अलग समय में मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल के अलावा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मीटिंग कर प्रदेश भर का इनपुट भी लेगी। प्रदेश से मिलने वाले इनपुट को टीम मेंबर ECI को देंगे, जहां चुनाव की घोषणा को लेकर तैयारियां की जाएगी।

25 अगस्त के आसपास नोटिफिकेशन आने के आसार
हरियाणा विधानसभा चुनाव का 25 अगस्त के आसपास नोटिफिकेशन आने के आसार हैं। ECI इस साल 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने जा रहा है। इनमें हरियाणा के अलावा महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और झारखंड शामिल हैं।

ECI के सूत्रों का कहना है कि जम्मू कश्मीर में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव संभावित हैं। यही कारण है कि दूसरे राज्यों की चुनाव की डेट में बदलाव किया गया है। हरियाणा में 2019 के विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 21 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया था।

हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर अधिकारियों के साथ मीटिंग करते मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) पंकज अग्रवाल। - फाइल फोटो

हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर अधिकारियों के साथ मीटिंग करते मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) पंकज अग्रवाल। – फाइल फोटो

3 नवंबर तक सरकार का कार्यकाल
हरियाणा में सत्तासीन BJP की सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को खत्म हो रहा है। समय से पहले विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट को लेकर हरियाणा सरकार भी अलर्ट हो गई है। CM नायब सैनी ने मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) और टॉप ब्यूरोक्रेसी को अलर्ट कर दिया है।

यही वजह है कि CMO के अफसर देर रात तक काम कर रहे हैं। वहीं, अगस्त में ही 3 बार सरकार ने कैबिनेट मीटिंग बुला ली है। 2 बार की मीटिंग हो चुकी है, तीसरी मीटिंग 17 अगस्त को CM नायब सैनी ने बुलाई है।

हरियाणा में इस बार 817 नए बूथ होंगे
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल पहले ही बता चुके हैं कि विधानसभा चुनावों को लेकर ECI की टीम 12-13 अगस्त को हरियाणा दौरे पर आ रही है। स्थानीय स्तर पर सभी 22 जिलों में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के इंजीनियरों द्वारा EVM चेकिंग का काम किया जा रहा है।

इस बार विधानसभा चुनाव के लिए 817 पोलिंग बूथ नए बनाए गए हैं, जिसके बाद पोलिंग बूथों की संख्या बढ़कर 20,629 हो गई है।

विधानसभा चुनाव की नजदीकियों को देखते हुए हरियाणा सरकार अगस्त में 3 कैबिनेट बैठक बुला चुकी है।

विधानसभा चुनाव की नजदीकियों को देखते हुए हरियाणा सरकार अगस्त में 3 कैबिनेट बैठक बुला चुकी है।

यहां पढ़िए, समय से पहले चुनाव कराने की 3 वजहें…

1. जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर में 2018 से सरकार नहीं है। यहां राष्ट्रपति शासन लागू है। अब यहां विधानसभा चुनाव होने हैं। जम्मू-कश्मीर में सितंबर 2024 में विधानसभा चुनाव संभावित हैं, जबकि हरियाणा सहित 3 अन्य राज्यों में अक्टूबर 2024 में विधानसभा प्रस्तावित हैं।

जम्मू-कश्मीर की सीमाएं पाकिस्तान से लगती हैं। आर्टिकल-370 हटने के बाद भी यहां आतंकी घटनाएं खत्म नहीं हुई हैं। ऐसे में केंद्र सरकार विधानसभा चुनाव कराकर इतिश्री करना चाहती है। यही वजह है कि दूसरे राज्यों के विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने पड़ रहे हैं।

2. विपक्ष का दबाव केंद्र में कम करना चाहती है भाजपा
राजनीतिक जानकारों का कहना है लोकसभा चुनाव के बाद BJP के लिए इन चारों राज्यों के विधानसभा चुनाव बड़े महत्वपूर्ण होने वाले हैं। इन राज्यों के चुनाव का सीधा असर केंद्र की सरकार पर पड़ेगा। चूंकि, अभी भाजपा ने केंद्र में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के सहयोग से बनाई है।

सरकार बनने के बाद से ही केंद्र में विपक्ष हावी है। यदि इन राज्यों के चुनावों में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया तो उसके सहयोगी दलों का भी साथ बना रहेगा और विपक्ष का दबाव भी कम होगा। नहीं तो परिणाम खराब होते ही भाजपा की सरकार केंद्र में ही सरकार भी प्रभावित हो सकती है।

3. हरियाणा BJP भी चाहती है जल्दी चुनाव
केंद्र के साथ हरियाणा BJP भी यह चाहती है कि यहां समय से पहले ही विधानसभा चुनाव हों। इसका इनपुट हरियाणा की टॉप लीडरशिप केंद्र को दे चुकी है। यदि यहां समय से पहले चुनाव होते हैं तो हरियाणा सरकार विधानसभा में मानसून सेशन एक दिन का कर सकती है।

संविधान विशेषज्ञ राम नारायण यादव ने बताया कि आर्टिकल-174 के कारण सरकार को 6 महीने के भीतर विधानसभा सत्र बुलाना जरूरी है। चाहे वह एक दिन का ही क्यों न हो।

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