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नई दिल्ली6 मिनट पहले
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कल की बड़ी खबर SEBI की चेयरपर्सन से जुड़ी रही। अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने SEBI की चेयरपर्सन पर गंभीर आरोप लगाए। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है। वहीं हिंडनबर्ग के आरोपों पर सेबी चेयरपर्सन ने कहा है कि आरोपों में जिस फंड का जिक्र किया गया है, उसे उन्होंने 2015 में लिया था। तब उनका SEBI से कोई संबंध नहीं था।
कल की बड़ी खबरों से पहले आज की सुर्खियां…
- शेयर बाजार में आज सोमवार को उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
- रिटेल महंगाई के आंकड़े जारी किए जाएंगे।
- वोडाफोन आइडिया के पहली तिमाही के नतीजे आएंगे।
- सरस्वती साड़ी डिपो का IPO ओपन होगा।
- पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
अब कल की बड़ी खबरें पढ़ें…
1. हिंडनबर्ग का SEBI चीफ पर आरोप: माधबी बुच की उसी विदेशी फंड में हिस्सेदारी, जिसमें अडाणी का निवेश; बुच बोलीं- हमारी जिंदगी खुली किताब
अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग ने शनिवार को सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चेयरपर्सन पर गंभीर आरोप लगाए। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है।
बुच ने इन आरोपों को “निराधार” और “चरित्र हनन” का प्रयास बताया है। SEBI चेयरपर्सन ने सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड डिक्लेयर करने की इच्छा व्यक्त की। अपने पति धवल बुच के साथ एक जॉइंट स्टेटमेंट में उन्होंने कहा, ‘हमारा जीवन और फाइनेंसेस एक खुली किताब है।’
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2. SEBI चीफ बोलीं- जॉइन करने से पहले किया था निवेश: हिंडनबर्ग कारण बताओ नोटिस का जवाब देने की जगह चरित्र हनन कर रहा है
हिंडनबर्ग के आरोपों पर सेबी चेयरपर्सन ने कहा है कि आरोपों में जिस फंड का जिक्र किया गया है उसे उन्होंने 2015 में लिया था। तब उनका SEBI से कोई संबंध नहीं था। हिंडनबर्ग के आरोपों के पर माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने रविवार (11 अगस्त) को बयान जारी कर आरोपों का खंडन किया। बुच ने बताया कि ये निवेश उन्होंने सेबी में शामिल होने से लगभग 2 साल पहले किया था।
उन्होंने हिंडनबर्ग पर आरोप लगाया कि भारत में अलग-अलग मामलों में हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नोटिस का जवाब देने के बजाय, उन्होंने सेबी की विश्वसनीयता पर हमला करने और सेबी चीफ के चरित्र हनन करने का विकल्प चुना है।
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3. टॉप-10 कंपनियों में 8 की वैल्यू ₹1.66 लाख करोड़ घटी: रिलायंस का मार्केट कैप ₹33,931 करोड़ गिरा, हिंदुस्तान यूनिलीवर का ₹12,946 करोड़ बढ़ा
मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की टॉप-10 कंपनियों में से 8 की वैल्यू बीते हफ्ते कंबाइंड रूप से 1,66,954.07 करोड़ रुपए (1.66 लाख करोड़ रुपए) कम हुई है। इस दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज की वैल्यूएशन में बड़ी गिरावट देखने को मिली।
हफ्ते भर में कारोबार के दौरान मुकेश अंबानी की कंपनी की वैल्यूएशन 33,930.56 करोड़ रुपए कम हुई है। अब कंपनी का मार्केट कैप 19.95 लाख करोड़ रुपए रह गया है। इससे पहले कंपनी का मार्केट कैप 20.29 लाख करोड़ रुपए था।
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4. शेयर बाजार में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव का अनुमान: रिटेल महंगाई से लेकर कंपनियों के तिमाही नतीजों तक; यह फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल
शेयर बाजार में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। कंपनियों के पहली तिमाही (Q1FY25) के नतीजे, रिटेल महंगाई के आंकड़े, डोमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा, US इन्फ्लेशन, ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा, FII-DII फ्लो और अपकमिंग IPO पर बाजार की नजर रहेगी। यहां हम ऐसे फैक्टर्स के बारे में बता रहे हैं, जिनसे इस हफ्ते में बाजार की चाल तय होगी।
इस हफ्ते 1,900 से ज्यादा कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजे आएंगे। हीरो मोटोकॉर्प, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, वोडाफोन आइडिया, नेशनल एल्युमिनियम, SJVN, हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड, हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन जैसी कंपनियां अपनी पहली तिमाही के नतीजे जारी करेंगी। इन सभी कंपनियों के नतीजों पर बाजार की नजर रहेगी।
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अब आप अपने जरूरत की खबर पढ़ें…
‘जितना चलाओ-उतना चुकाओ’ से बचा सकते हैं बीमा के पैसे:गाड़ी कम चलती है तो किलोमीटर के हिसाब से दें प्रीमियम, जानें क्या है प्लान
भारत में बड़ी संख्या में लोग ‘पे एज यू ड्राइव’ व्हीकल इंश्योरेंस अपनाने लगे हैं। इसमें आपकी गाड़ी साल में कितना चलेगी इस हिसाब से इंश्योरेंस प्रीमियम तय होता है। जो लोग गाड़ी का कम इस्तेमाल करते हैं उनके लिए ‘पे एज यू ड्राइव’ फायदेमंद हो सकता है। हालांकि जो लोग साल में 10,000 किमी से ज्यादा गाड़ी चलाते हैं, उनके लिए यह फायदेमंद नहीं है।
किनके लिए फायदेमंद: कॉलेज छात्र, बुजुर्ग, सार्वजनिक परिवहन में ज्यादा सफर करने वाले या कई गाड़ियां रखने वाले लोग जो कभी-कभार गाड़ी निकालते हैं। इनमें हाइब्रिड कर्मचारी और छोटे शहरों में कम दूरी तय करने वाले लोग भी शामिल हैं। एक स्टडी के मुताबिक ये इंश्योरेंस लेने वालों में 35% हाइब्रिड काम करते हैं यानी हफ्ते में 2 या 3 दिन ही दफ्तर से काम करते हैं।
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