रोडवेज बस स्टैंड पर यहां बनना है। पास से ही निजी बसों का संचालन, रेलवे स्टेशन भी है।
शहर का पहला नाइट फूड मार्केट डेढ़ साल बीतने के बावजूद धरातल पर नहीं उतर पाया है। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (रोडवेज) उदियापाेल स्थित सेंट्रल बस स्टैंड पर आठ हजार स्क्वायर फीट एरिया में इसे बनाने की याेजना है। इसके लिए अब तक 5 बार टेंडर किए जा चुके
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खास बात यह है कि पांच बार में महज एक बार एक ठेका फर्म ने टेंडर डाला, लेकिन इसने भी तय अवधि में काम शुरू नहीं किया तो इस टेंडर काे भी निरस्त कर दिया गया। इसके बाद विभाग ने इसी साल 23 जुलाई को एक और टेंडर किया, लेकिन काेई फर्म शामिल हाेने नहीं पहुंची। अब फिर से टेंडर करने की तैयारी है।
दाे साल पहले जिला पर्यटन विकास समिति की बैठक में नाइट मार्केट का मुद्दा उठा था। इसके बाद 9 नवंबर 2022 काे पर्यटन विभाग ने कलेक्टर काे पत्र लिखा था। इसके बाद पर्यटन विभाग ने पिछले साल 31 मई को नगर निगम आयुक्त काे पत्र लिखकर यह मार्केट तैयार करने का सुझाव दिया था। इसमें उदियापाेल पर पुरानी रेलवे लाइन और नगर निगम के शाॅपिंग मार्केट (ट्रावेल्स शाॅप) के मध्य तक फूड बाजार बनना था। अब यह रोडवेज डिपाे पर एंट्री गेट के पास दाहिनी ओर खाली जमीन पर बनना है।
हर माह आ रहे सवा लाख पर्यटक, बस स्टैंड-रेलवे स्टेशन पर 40 हजार फुटफॉल
उदयपुर पर्यटन नगरी में शुमार है। शहर में हर माह सवा लाख से ज्यादा पर्यटक आ रहे हैं। राेडवेज डिपाे पर रोज 300 बसाें का संचालन हाेता है और 14 हजार यात्री आते-जाते हैं। पास ही से 100 से ज्यादा निजी बसें भी चलती हैं। समीप ही स्थित सिटी स्टेशन पर 24 घंटे में 29 ट्रेनाें का संचालन हाेता है। वहां भी रोज 26 हजार यात्रियों का फुट फॉल रहता है।
शहर के प्रमुख फूड मार्केट सुखाड़िया सर्किल, मुंबइया बाजार रात 10 बजे बंद हो जाते हैं। ऐसे में शहर में इसके बाद खाने-पीने के खास इंतजाम नहीं हैं। गत वर्ष सितंबर में निकाले गए टेंडर में 5 अक्टूबर काे जयपुर की एकमात्र कंपनी ने आवेदन किया। फर्म काे 4 माह में काम शुरू करना था। ऐसा नहीं होने पर इस साल फरवरी में टेंडर काे निरस्त कर 1 लाख की सिक्याेरिटी राशि जब्त कर ली गई। फर्म ने आसपास ठेले हाेने से लागत नहीं निकलने का अंदेशा जताया था।
बस स्टैंड किनारे लगे ठेले
रोडवेज डिपाे पर एंट्री गेट के पास दाहिनी ओर जिस खाली जमीन पर फूड मार्केट बनाया जाना है, उसके आगे अभी एटीएम काउंटर और कुछ दुकानें हैं। मुख्य दीवार के आगे ठेले लगते हैं। ऐसे में यह जगह दिखाई ही नहीं देती।
ऐसे में फर्म को लगता है कि यहां मार्केट खोलने के बाद उतना फायदा नहीं मिल पाएगा, जितना मानकर चला जा रहा है। इसके साथ बस स्टैंड के बाहर लगे अस्थायी ठेले देर रात से लेकर अलसुबह खुल जाते हैं। इस कारण भी फर्म ने मार्केट शुरू करने में रुचि नहीं दिखाई। उन्हें डर था इनके कारण ग्राहक मार्केट तक नहीं आएंगे। जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा।
संचालन की कम अवधि होना
मार्केट डवलप करने पर करीब 50 लाख का खर्चा होने का अनुमान होने के साथ ही फर्म 2.50 लाख रुपए प्रतिमाह किराया भी देगी। दूसरी ओर, टेंडर महज एक साल का है। ऐसे में कोई भी फर्म कम समय के लिए बड़ा इन्वेस्टमेंट नहीं करना चाहती। उसे आशंका है कि इतने कम समय में तो खर्चा भी नहीं निकल पाएगा। जानकार इस किराये काे ज्यादा भी बता रहे है। इसमें छूट मिले ताे ओर नई फर्म टेंडर में आ सकती है। आस-पास पहले से हाेटल्स और रेस्टाेरेंट हाेने से मार्केट में काफी प्रतिस्पर्धा है।
लागत ज्यादा, मुनाफा कम की शंका
राेडवेज प्रबंधन की ओर से टेंडर में फूड मार्केट के लिए जगह का किराया प्रति माह 2.50 लाख रुपए रखा गया है। इसके अलावा अस्थायी फूड मार्केट के निर्माण पर भी 50 लाख रुपए से ज्यादा खर्च आने का अनुमान है। इससे फर्म हाथ पीछे खींच लेती हैं।
प्रबंधन बोला- फिर से टेंडर किए जाएंगे
आगार प्रबंधक हेमंत शर्मा ने कहा कि फूड मार्केट के लिए वापस टेंडर करने की तैयारी की जा रही है। 23 जुलाई काे किए गए टेंडर में काेई पार्टी नहीं आई थी। जल्द टेंडर करके फूड मार्केट शुरू किया जाएगा। विभाग की ओर से टेंडर कराने की प्रक्रिया जारी है। बता दें कि पिछले साल सितंबर में निकाले गए टेंडर में 2.50 लाख रुपए प्रति माह किराया तय किया गया था। लेकिन फर्म ने यह 3.11 लाख रुपए प्रति माह पर लिया था। हालांकि बाद में रद्द हो गया।
