विनेश फोगाट पेरिस ओलिंपिक से बाहर हो गई हैं। आज गोल्ड मेडल के लिए 50 किलो कैटेगरी में उनका मुकाबला अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट से होना था। ओलिंपिक नियमों के मुताबिक सुबह विनेश का वजन मापा गया, तो 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा मिला।
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रेसलिंग में वजन मापने के नियम क्या हैं, क्या 100 ग्राम घटाया नहीं जा सकता था, विनेश मामले में आगे क्या होगा;भास्कर एक्सप्लेनर में 10 जरूरी सवालों के जवाब जानेंगे…
सवाल-1: ओलिंपिक में कितने खेलों में खिलाड़ियों की वेट कैटेगरी होती है?
जवाबः ओलिंपिक में प्रमुख रूप से तीन खेलों में वेट कैटेगरीज होती हैं- वेट लिफ्टिंग, बॉक्सिंग और रेसलिंग। रेसलिंग में महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग 6 भारवर्ग होते हैं। विनेश फोगाट 50 किलो भार वर्ग में खेल रही थी।
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वाल-2: रेसलिंग में वजन मापने के नियम क्या हैं, जिसमें विनेश फोगाट फेल हो गईं?
जवाबः रेसलिंग में वजन मापने का एक पूरा प्रॉसेस डिफाइन है…
- हर वेट कैटेगरी की रेसलिंग प्रतियोगिता 2 दिन चलती है। यानी, जो भी पहलवान फाइनल या रेपचेज में पहुंचेगा, उसका वजन दो दिन मापा जाएगा।
- पहले दिन के खेल से पहले सुबह पहलवानों का वजन मापा जाता है। इस दौरान उन्हें 30 मिनट का समय मिलता है। वो जितना बार चाहें तराजू में चढ़ सकते हैं। पहले दिन विनेश फोगाट का वजन 50 किलो के अंदर था।
- दूसरे दिन की प्रतियोगिता में शामिल होने वाले पहलवानों वजन सुबह फिर मापा जाता है। दूसरे दिन सिर्फ 15 मिनट मिलते हैं। इस दौरान वो जितनी बार चाहें तराजू पर चढ़ सकते हैं। दूसरे दिन विनेश फोगाट का वजन 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा आ गया।
- प्रतियोगियों का वजन मापने के दौरान पहलवान सिर्फ सिंगलेट पहन सकते हैं। यानी वो ड्रेस जिसे पहनकर वो कुश्ती लड़ते हैं।
- इसी दौरान यह भी जांच की जाती है कि खिलाड़ी को कोई संक्रामक बीमारी के लक्षण तो नहीं हैं। साथ ही उसके नाखूनों की जांच की जाती है। वो कटे हुए और छोटे होने चाहिए।
- यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के अधिकृत अफसर वजन मापते हैं। इस पूरी प्रॉसेस की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाती है और आंकड़े कंप्यूटर पर दर्ज किए जाते हैं। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अफसरों की सहमति के बाद ही कोई खिलाड़ी रिंग में उतर सकता है।
सवाल-3: क्या आधे घंटे में 100 ग्राम वजन कम किया जा सकता है?
जवाब: हां, आधे घंटे में 100 ग्राम वजन कम किया जा सकता है। पहले भी कई खिलाड़ियों ने ऐसा किया है। इंडियन बॉक्सर मैरिकॉम ने पॉलेंड में हुए सिलेसियन ओपन बॉक्सिंग टूर्नामेंट में चार घंटे में दो किलो वजन घटाया था। तब उन्होंने एक घंटे तक स्किपिंग की थी।
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सिलेसियन ओपन बॉक्सिंग टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल के साथ बॉक्सर मैरीकॉम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विनेश का वजन 6 अगस्त की रात लगभग 2 किलो बढ़ गया। वह पूरी रात सोई नहीं। उन्होंने अपने वजन को घटाने के लिए हर कोशिश की- जॉगिंग से लेकर स्किपिंग और साइकिलिंग तक। डिहाइड्रेशन के कारण उन्हें चक्कर आने लगे। इसके बावजूद उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा रह गया और वो डिस्क्वालिफाई हो गईं।
सवाल-4: 100 ग्राम से क्या फर्क पड़ता, क्या इतनी रियायत नहीं दी जा सकती?
जवाब: खेलों की दुनिया खास तौर से ओलिंपिक में 10 ग्राम भी मायने रखता है। वजन कैटेगरी बनाई ही इसलिए गई है ताकि फेयर गेम हो। एक जैसे वजन के खिलाड़ी जब लड़ेंगे तो ताकत भी एक जैसी लगाएंगे। अगर किसी का वजन 100 ग्राम ज्यादा है। मतलब वो सौ ग्राम ज्यादा ताकत लगा रहा है। यह फेयर गेम नहीं है।
सवाल-5: क्या ज्यादा वजन आने पर खिलाड़ी अपने वजन से ऊपर की वेट कैटेगरी में खेल सकते हैं?
जवाबः ऐसा हो सकता है। कोई खिलाड़ी अपने तय वजन से ज्यादा होने पर अगली दो कैटेगरी में खेल सकता है। इसके लिए उसे अपने वजन से एक ग्राम वजन ज्यादा वजन दिखाना होगा, लेकिन विनेश के केस में ऐसा नहीं होगा। ओलिंपिक में कौन सा खिलाड़ी किस वेट कैटेगरी में खेलेगा यह पहले से तय है। यानी, विनेश फोगाट ज्यादा वजन के चलते डिस्क्वालिफाई होने पर 50 किलो कैटेगरी की जगह 53 किलो कैटेगरी में कुश्ती नहीं लड़ सकती हैं।
सवाल-6: रेसलिंग में खिलाड़ी किस वेट कैटेगरी में खेलेगा ये कैसे तय होता है?
जवाब: ये जिला स्तर पर ही तय हो जाता है कि कोई पहलवान किस कैटेगरी में लड़ेगा। संबंधित कैटेगरी में कोई पहलवान जिले से राज्य, राज्य से नेशनल और नेशनल से ओलिंपिक तक क्वालिफाई होता है। देश में रेसलिंग फेडरेशन वजन और मेडिकल करती है।
जैसे कोई खिलाड़ी 50 किलो कैटेगरी में लड़ेगा। इसमें एक जिले से 10 खिलाड़ी हैं, जो इन 9 खिलाड़ियों को हरा देगा, वो राज्य स्तर पर जाएगा। राज्य स्तर पर हर जिले से जीते हुए पहलवान आते हैं। यहां जो जीतने वाला नेशनल लेवल पर खेलता है।
नेशनल लेवल पर हर राज्य से चुने हुए पहलवानों के बीच मुकाबला होता है। नेशनल में में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला पहलवान ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करता है।
सवाल-7: अगर किसी खिलाड़ी को अपनी वेट कैटेगरी बदलनी है, तो क्या करना होगा?
जवाबः ‘यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग’ के इटंरनेशनल रेसलिंग रूल्स के मुताबिक, ‘खिलाड़ी अपने मौजूदा वजन से ज्यादा की अगली वेट कैटेगरी में खेल सकते हैं। इसमें हैवी वेट कैटेगरी में छूट है। हैवी वेट कैटेगरी में खेलने के लिए मेल खिलाड़ी का 97 किग्रा और फिमेल खिलाड़ी का 72 किग्रा से ज्यादा वजन होना चाहिए।’
इसे एक एग्जांपल से समझिए, अगर किसी फीमेल खिलाड़ी का वजन 52 किग्रा है तो वो 53 किग्रा की वेट कैटेगरी में खेल सकती है। लेकिन इसके लिए पहले से बताना होगा, जिसका पूरा प्रॉसेस है।
सवाल-8: अगर कोई खिलाड़ी डिसक्वालिफाई हो जाए, तो इसका बाकी खिलाड़ियों पर क्या असर पड़ता है?
जवाबः अलग-अलग स्टेज पर अलग-अलग असर हो सकता है। विनेश फोगाट के मामले में गोल्ड मेडल का मुकाबला अब अमेरिकी पहलवान सारा हिल्डेब्रांट और क्यूबा की पहलवान लोपेज के बीच होगा। ओलिंपिक आयोजकों ने अपने ऑफिशियल स्टेटमेंट में बताया, ‘अंतरराष्ट्रीय कुश्ती नियमों के अनुच्छेद 11 के अनुसार, विनेश की जगह सेमीफाइनल में उनसे हारने वाली पहलवान को लिया जाएगा। इसलिए युस्नेलिस गुजमैन लोपेज फाइनल खेलेंगी।’
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सोशल मीडिया में विनेश फोगाट की यह तस्वीर वायरल है। कहा जा रहा है कि ओलिंपिक से बाहर किए जाने के बाद विनेश बेहद निराश हो गईं।
सवाल-9: क्या इससे पहले भी वेट को लेकर मैच होने के बाद डिसक्वालिफिकेशन हुए हैं?
जवाबः मैच होने के बाद तो नहीं, लेकिन 1996 के अटलांटा ओलिंपिक खेलों में भारतीय पहलवान पप्पू यादव मैच शुरू होने से पहले ही डिसक्वालिफाई हुए थे। वे 48 किलोग्राम की कैटेगरी में दावेदार थे। ट्रायल मैच जीतने के बाद वजन मापने पर उनका वजह ज्यादा निकला और उन्हें उस ओलिंपिक में कोई मैच खेलने नहीं दिया गया था।
सवाल-10: क्या विनेश फोगाट को फिर से खेलने का मौका मिल सकता है?
जवाब: नहीं, ओलिंपिक रूल्स के मुताबिक, एक बार डिस-क्वालिफाई होने के बाद खिलाड़ी को दोबारा मौका नहीं मिल सकता है। इसलिए विनेश फोगाट पेरिस ओलिंपिक में आगे नहीं खेल पाएंगी और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ेगा।
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एक्सपर्ट्स पैनल
1. कृपा शंकर पटेल बिश्नोईः अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित भारतीय पहलवान और कोच हैं।
2. राजेश सरोहाः भारतीय पहलवान और कोच।