Jharkhand Contractors Association’s allegation | झारखंड कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन का आरोप: सेन्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड में नर्स की बहाली में खास एजेंसी को मिला लाभ, कार्रवाई की तैयारी में संगठन – Ranchi News


सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड में स्टाफ नर्सेस की बहाली संबंधी निविदा में एक खास एजेंसी को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से हुई धांधली का आरोप लगाते हुए झारखंड कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने शिकायत दर्ज की थी। इस सम्बन्ध में CCL के सतर्कता विभाग द्वारा शिकायत पो

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संगठन के सचिव संदीप तिवारी ने बताया कि CCL प्रबंधन के द्वारा न्यायसंगत निर्णय नहीं लेने के कारण झारखंड कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन को हस्तक्षेप करना पड़ा, तीन एजेंसियों को तकनीकी रूप से योग्य करार देकर उनमें से एक को कार्य आवंटित किया गया है, उसमें शेष दोनों एजेंसियां M/s Commando Industril Security Force और M/s Samanta Security & Intelligence Services, बिहार सरकार के अलग अलग विभागों से निविदा प्रकाशित होने के पूर्व से काली सूची में दर्ज हैं। इस संबंध में उन्होंने दावा किया कि इस संबंध में CCL प्रबंधन का कहना है कि क्योंकि यह एजेंसियां CCL की काली सूची में नहीं है, इसलिए उन्हें इससे कोई मतलब नहीं।

सीसीएल की निविदा के अनुसार:
1. निविदा डालने वाली एजेंसी के लिए यह जरूरी है कि पिछले तीन सालों में उसे भ्रष्टाचार संबंधी दृष्टिकोण का अनुपालन करने वाले किसी भी देश की किसी अन्य कंपनी या भारत में किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के साथ कोई ऐसा उल्लंघन नहीं हुआ है, जिसके कारण उसे निविदा प्रक्रिया से बाहर रखा जा सके।
2निविदा डालने वाली एजेंसी इस विषय पर गलत बयान देता है या ऐसी कोई जानकारी छुपाता है, तो उसे निविदा प्रक्रिया से अयोग्य घोषित किया जा सकता है या “फर्मों को बोली लगाने से रोकने संबंधी दिशा-निर्देश” में उल्लिखित प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है।

निविदा के Annexure III में एक अंडरटेकिंग के माध्यम से स्पष्टीकरण माँगा गया है कि: मुझे/हमें किसी भी सरकार या अर्ध- सरकारी एजेंसियों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा प्रतिबंधित या प्रतिबंधित या असूचीबद्ध नहीं किया गया है।” झारखंड कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने पूर्व से कार्यरत एजेंसी को जिस प्रकार का अनुभव प्रमाण पत्र दिया है उसे भी गंभीरता से लिया है क्योंकि इससे एजेंसी की छवि धूमिल हुई है एवं इसका सीधा प्रभाव एजेंसी के व्यवसाय पर पड़ेगा जबकि एजेंसी बेकसूर है एवं जो आरोप प्रबंधन द्वारा लगाए गए है, उसके सम्बन्ध में पर्याप्त सुबूत भी उपलब्ध हैं। प्रबंधन उनके अनुभव प्रमाण पत्र में सुधार कर नहीं देता है तो प्रबंधन पर मानहानि का मुकदमा दायर किया जायेगा।

क्या है मांग
1. निविदा में शामिल एजेंसियों का तकनिकी रूप से पुनः जांच कराई जाय। संगठन को मालूम है की निविदा में सफल दो एजेंसी के द्वारा अपने साक्ष्य को छुपाकर निविदाता को गुमराह करने का कार्य किया गया है उनपर नियम संगत कार्यवाई की जाय।
2.पूर्व की एजेंसी M/s Raider Security Services (P) Ltd। के प्रमाण पत्र में तत्काल सुधार करते हुए नया अनुभव प्रमाण पत्र निर्गत किया जाये।

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