शहर में मांस का अवैध कारोबार जमकर फल-फूल रहा है। बिना रजिस्ट्रेशन के मानकों के विपरीत बूचड़खाने खोलकर संचालक लाखों कमा रहे हैं।
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बताया जाता है कि अवैध बूचड़खाना संचालन से पशु प्रेमियों में भी आक्रोश है। आते-जाते राहगीर निगम प्रशासन को कोसते रहते हैं। लोग सड़क किनारे अवैध बूचड़खाना संचालन होने के बावजूद कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होने पर हैरत भी जताते हैं।
भाजपा महामंत्री अंकुर गुप्ता ने नगर आयुक्त को ज्ञापन भी सौंपा है। जिसके जरिए उन्होंने अवैध बूचड़खानों को अविलंब बंद करने की मांग की है।
साथ ही खुलेआम मवेशियों के मांस बिक्री पर सवाल उठाया है। बताया है कि जब एकमात्र बूचड़खाना संचालक को लाइसेंस मिला हुआ है तो फिर शहर में अन्य बूचड़खाना कैसे चल रहा है। उन्होंने इसके विरुद्ध आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित बूचड़खाने।
50 से अधिक अवैध बूचड़खाने
बिना रजिस्ट्रेशन के शहर के उर्दू बाजार, राजटोली, युसुफगंज, करमगंज आदि मोहल्लों में 50 से अधिक अवैध बूचड़खाने चल रहे हैं। इन जगहों पर खुलेआम बिना ढ़के मक्खियों और गंदगी के बीच मांस बिक रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी नहीं होता है। जिससे लोगों के संक्रमित होने का भी खतरा बना हुआ है।
दरभंगा नगर निगम के नगर आयुक्त कुमार गौरव ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। इसको गंभीरता से लेते हुए हुए अवैध रूप से संचालित बूचड़खानों को बंद कराने की दिशा में कार्रवाई होगी।