कोरोना वायरस के बाद देश में चर्चित रहे चांदीपुरा वायरस का जोधपुर में भी एक मामला सामने आ गया है। हालांकि जिस 7 वर्षीय बच्ची में ये वायरस पाया गया वह दो दिन पहले एम्स से पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज हो चुकी हैं। एम्स को उसके पॉजिटव होने की रि
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सिटी सीएमएचओ डॉ. एसएस शेखावत ने बताया कि मूलत: राजसमंद के देलवाड़ा ब्लॉक में जार सादड़ी निवासी ये बच्ची से 21 से 30 जुलाई तक एम्स के शिशु रोग विभाग में भर्ती रही। जिसे दो दिन पूर्व स्वस्थ कर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया था। एम्स हायर सेंटर होने के कारण परिजन उसे कुछ मरीजों के सैंपल भेजे, जो उपचाराधीन थे। जिसमें से केवल ये बालिका पॉजिटव निकली। बच्ची इन दिनों परिवार के साथ बासनी में झुग्गी झोपड़ी इलाके में रहती हैं। ग्रामीण डिप्टी सीएमएचओ डॉ. प्रीतम सिंह सांखला को वहां भेजा गया। चिकित्सा विभाग यहां सर्वे करवाएगा। बच्ची 25 दिन पहले परिवार सहित जोधपुर आई थी। उसे दस्त-बुखार की शिकायत हुई। जिसके बाद उसे परिजन एम्स उपचार के लिए लाए।
बचाव }वैक्सीन नहीं, आसपास सफाई रखें
इस वायरस से बचाव के लिए अभी तक किसी वैक्सीन या एंटीवायरस की खोज नहीं की गई है। इसलिए इससे बचाव का सबसे कारगर तरीका सैंडफ्लाई, मक्खी और मच्छरों को पनपने से रोकना ही हैं। इसके लिए आस-पास सफाई और वेक्टर कंट्रोल करवाना जरूरी है। सैंडफ्लाई की ब्रीडिंग को रोकने के लिए आस-पास पानी न इकट्ठा होने दें, कचरा जमा न होने दें, खुले में मल या शौच न करें, कूड़ेदान को ढककर रखें और मक्खियों को घर में जाने से रोकने के लिए फ्लाई पेपर का इस्तेमाल करें।
लक्षण } तेज बुखार, दस्त, उल्टी और ऐंठन
चांदीपुरा वायरस के साथ फ्लू जैसे लक्षण अप्रत्याशित रूप से शुरू होते हैं। जिसमें तेज बुखार, दौरे, दस्त, उल्टी, ऐंठन और संवेदी अंगों में बदलाव शामिल हैं। गंभीर मामलों में ये वायरल संक्रमण कोमा और मौत तक का कारण बन जाता है। अधिकतर संक्रमित रोगियों की मृत्यु का मुख्य कारण एन्सेफलाइटिस है, जो सक्रिय मस्तिष्क उतकों की सूजन है। इस वायरस का संक्रमण मानसून में ज्यादा होता है, वो भी भारत के पश्चिमी, दक्षिणी और मध्य हिस्सों में इसका प्रभाव देखा जा रहा है।
कई राज्यों में फैला ये वायरस, गुजरात में 12 से अधिक की मौत
अब तक गुजरात में इस वायरस की वजह से लगभग 12 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और करीब 25 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और यह आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं। हाल ही में, इस वायरस की वजह से एक मौत राजस्थान में भी हुई है। इस वायरस के संक्रमण का मामला मध्य प्रदेश से भी सामने आ चुका हैं। इस बीमारी का पहली बार खुलासा साल 1964-65 में महाराष्ट्र के नागपुर स्थित चांदीपुरा गांव में हुआ। इस कारण बीमारी का नाम चांदीपुरा पड़ा हुआ है।