हरिद्वार8 मिनट पहले
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परोपकार, सेवा और दूसरों की मदद करना, हमारी संस्कृति का मूल संदेश है। जब हम दूसरों के हित का चिंतन करते हैं तो इससे हमारा धर्म परिभाषित होता है। दूसरों के अधिकार के लिए हमें आगे आना चाहिए। हमें धन के साथ ही समय और सम्मान का भी दान करते रहना चाहिए।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हम दूसरों की भलाई कैसे कर सकते हैं?
आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।
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