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जिले के हजारों मरीजों के लिए राहत की खबर है। मॉडल अस्पताल, सर्विस ब्लॉक व फील्ड अस्पताल शुरू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। मालूम हो कि बिजली आपूर्ति नहीं होने के कारण उद्घाटन होने के बाद भी 7 माह से मॉडल अस्पताल व अन्य अस्पताल भवन का कोई भी उपयोग मरीजों के लिए नहीं हो रहा था। वहीं पुराने सदर अस्पताल परिसर में बारिश होने के साथ ही ओटी तक बंद हो जाती है ऐसे में मॉडल अस्पताल व अन्य अस्पताल शुरू होने से मरीजों को काफ़ी राहत मिलेगी।
मालूम हो कि 18 जुलाई को सिविल सर्जन ने बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखकर कहा था कि मॉडल अस्पताल, सर्विस ब्लॉक एवं फील्ड अस्पताल में विद्युत कनेक्शन होने पर होने वाले व्यय प्राक्कलन के अनुसार राशि की मांग राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार से की गई है। राशि उपलब्ध होने के साथ ही बिजली विभाग को उपलब्ध करवा दी जाएगी। अतः अनुरोध है कि जनहित एवं कार्य हित में विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करवा दी जाए। इसके बाद 19 जुलाई को बिजली विभाग के सहायक अभियंता ने मॉडल अस्पताल व अन्य अस्पताल का जायजा लिया व रिपोर्ट कार्यपालक अभियंता को दिया।
मालूम हो कि प्री-फैब अस्पताल व मॉडल अस्पताल बनाने वाली एजेंसी को सिर्फ ट्रांसफार्मर लगाना था व अस्पताल को विद्युत कनेक्शन। एजेंसी ने ट्रांसफार्मर तो लगवा दिया। अस्पताल प्रशासन की ओर से बिजली का कनेक्शन देने के लिए कई बार बिजली विभाग को पत्र भी लिखा गया लेकिन विद्युत विभाग की ओर से संबंधित अस्पतालों में नहीं कनेक्शन लगाया जा सका है। प्री-फैब स्ट्रक्चर हैंडओवर किए लगभग 6 माह से अधिक हो गया है जबकि मॉडल अस्पताल का उद्घाटन किए भी 7 माह होने जा रहा है।
50 बेड का प्री फैब अस्पताल पहले कोविड मरीजों के लिए बनाया जा रहा था। बाद में इसे अन्य विभाग के लिए सोचा गया। इसी बीच डीएनबी की पढ़ाई के लिए भी इसे चििह्नत किया गया था लेकिन बिजली कनेक्शन नहीं रहने के कारण वर्तमान में वहां विभागीय किताब कॉपी रखी हुई है व कभी-कभार ही खुलता है। मालूम हो कि इस 50 बेड के फेब्रिक अस्पताल को सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित बनाया गया है। डीएनबी की पढ़ाई के लिए हाल ही में टीम ने निरीक्षण भी किया था। यहां कई अत्याधुनिक मशीन भी लगाई गई है। साथ ही दर्जनों एसी भी लगाए गए हैं। लेकिन सब ऐसे पड़े हुए थे।
^बिजली विभाग को कनेक्शन के लिए पत्र लिखा गया है। साथ ही राज्य को भी जानकारी दी गई है। भुगतान आदि राज्य से ही किया जाता है। वहीं, बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता मो. इमरान ने बताया कि सिविल सर्जन का पत्र प्राप्त हुआ है जिसके आलोक में विभाग में मार्गदर्शन मांगी गयी है। समस्या का हल हो जाएगा। -डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया, सिविल सर्जन