छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना के एक मामले में रायपुर आईजी और एसपी (सीआईडी) को कोर्ट के सामने भविष्य में दोबारा गलती नहीं करने के साथ ही माफी मांगनी पड़ी है। इसके बाद कोर्ट ने अवमानना याचिका निराकृत करने के आदेश दिए।
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दरअसल, मामला हेड कांस्टेबल के सेवानिवृत्ति के बाद भुगतान रोकने का था। जिसके खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 60 दिनों के अंदर हेड कांस्टेबल को सभी भुगतान करने के आदेश दिए थे, लेकिन पुलिस अफसरों न यह कहते हुए भुगतान रोक दिया कि हेड कांस्टेबल को सेवाकाल के दौरान अधिक भुगतान की वसूली बाकी है।
आदेश की अवहेलना पर है सजा का प्रावधान
अवमानना याचिका की अंतिम सुनवाई जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान पुलिस महानिरीक्षक एससी द्विवेदी और पुलिस अधीक्षक वर्षा मिश्रा (सीआईडी) रायपुर ने भविष्य में इस प्रकार की गलती का दोहराव न करने का आश्वासन देते हुए कोर्ट से माफी मांग ली।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना पर न्यायालयीन अवमानना अधिनियम 1971 के उपनियम 12 में न्यायालय के आदेश की अवमानना पर 6 महीने कारावास और दो हजार रुपए जुर्माने के प्रावधान का हवाला दिया था।
पूरा मामला यह है
रायपुर के न्यू राजेंद्र नगर निवासी कृष्णा प्रसाद ठाकुर पुलिस मुख्यालय रायपुर में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ थे। रिटायरमेंट के बाद पुलिस महानिरीक्षक एससी द्विवेदी और पुलिस अधीक्षक वर्षा मिश्रा (सीआईडी) ने सेवाकाल के दौरान उन्हें अधिक वेतन भुगतान का हवाला देकर 3 लाख 28 हजार 657 रुपए की वसूली करने तक सेवानिवृत्ति के सभी देयकों का भुगतान रोक दिया था।
इसके खिलाफ कृष्णा ठाकुर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता की वसूली राशि को रोक कर सेवानिवृत्ति के समस्त देयकों का भुगतान 60 दिनों के अंदर करने के आदेश दिए गए थे।
कोर्ट के आदेश पर भी भुगतान नहीं हुआ
कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं होने पर कृष्णाप्रसाद ठाकुर ने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय और दुर्गा मेहर के माध्यम से पुलिस विभाग के अधिकारियों के खिलाफ न्यायालयीन आदेशों की अवहेलना करने पर अवमानना याचिका दायर की।
अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि न्यायालयीन आदेश की अवहेलना करने वाले अफसर को छह महीने की सजा और दो हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। इसके बाद आईजी और एसपी ने कोर्ट के सामने क्षमायाचना की, जिस पर हाईकोर्ट ने याचिका निराकृत करने के आदेश दिए।