चंडीगढ़ में बिजली के खंभे से करंट लगने के बाद हुई युवक की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित खुद मौका देखने मौके पर पहुंचे। उन्होंने बिजली विभाग के एक एक्सईएन और एसडीई को जांच पूरी होने तक न
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बता दें कि 17 जुलाई को खंभे पर खुली तारों के कारण एक युवक की करंट लगने से मौत हो गई थी। फिर प्रशासक पुरोहित ने आदेश दिए हैं कि अगले 10 दिनों में इस मामले की जांच कर उन्हें रिपोर्ट दी जाए। डीसी विनय प्रताप सिंह की तरफ से आप खुद इस मामले को देखा जा रहा है।
खुली तारे देख भड़क गए प्रशासक
हादसे के बाद भी इस खंभे पर खुली हुई तारे थी। अभी भी उन्हें ठीक नहीं किया गया था। इसको देखकर प्रशासक भड़क गए और मौके पर ही डीसी विनय प्रताप सिंह को आदेश दिए की जल्द इन्हें ठीक करवाया जाए। उनके एडवाइजर राजीव वर्मा भी मौके पर साथ थे। उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग को निर्देश दिया है कि वह चंडीगढ़ में बिजली के ट्रांसफार्मर और खंभों के आसपास के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए। ताकि बिजली से होने वाली मौत और घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने इंजीनियरिंग विभाग को इस मामले में भी तुरंत प्रभाव से रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं।
यह था पूरा मामला
17 जुलाई को चंडीगढ़ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के डिप्टी डायरेक्टर मंगल सिंह के बेटे मयंक कि ट्रांसफार्मर से करंट लगने से मौत हो गई थी। यह युवक सेक्टर 8 स्थित एक जिम में एक्सरसाइज करने के बाद वापस आ रहा था। जब वह कार के पास पहुंचा तो उसने शॉर्टकट रास्ता लेते हुए लोहे की ग्रिल पर चढ़ गया। जिससे उसका संतुलन खराब हो गया था और वह पास में लगे ट्रांसफार्मर के खंभे से टकरा गया। जिससे उसे करंट लग गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर युवक को सेक्टर 16 के अस्पताल में ले जाया गया था। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।