नई दिल्ली11 मिनट पहले
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फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने उन सभी मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया है जिसमें यह दावा किया जा रहा था कि भारतीय फूड कंट्रोलर जड़ी-बूटियों और मसालों में तय मानक से 10 गुना ज्यादा कीटनाशक मिलाने की मंजूरी देता है।
FSSAI ने एक प्रेस रिलीज में बताया कि ‘इस तरह की सभी खबरें झूठे और बेबुनियाद हैं। भारत में मैक्सिमम रेसेड्यू लेवल (MRL) दुनियाभर में सबसे कड़े मानकों में से एक है। वहीं, कीटनाशकों के MRL उनके रिस्क के आकलन के आधार पर अलग-अलग फूड मटेरियल के लिए अलग-अलग तय किए जाते हैं।
केवल एक कीटनाशक के लिए बढ़ाई थी लिमिट
हालांकि FSSAI ने माना कि कीटनाशकों के मामले में 0.01 mg/kg का MRL लागू है। यह लिमिट केवल मसालों के मामले में 0.1 mg/kg तक बढ़ाई गई थी। यह केवल उन कीटनाशकों के लिए लागू है, जो भारत में केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और रजिस्ट्रेशन कमेटी (CIB & RC) से रजिस्टर्ड नहीं हैं।
यह वैज्ञानिक पैनल के रिकमेंडेशन पर ही किया गया था। (CIB & RC) कीटनाशकों की मैन्युफैक्चरिंग, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट, ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज आदि को रेगुलेट करते हैं।
मिर्च पाउडर में माइक्लोबुटानिल की सीमा 2 mg/kg
FSSAI ने बताया कि मिर्च पाउडर में मिलाए जाने वाले माइक्लोबुटानिल के लिए CODEX ने 20 mg/kg की मैक्सिमम लिमिट तय किया है। जबकि FSSAI इसे केवल 2 mg/kg तक मिलाने की परमिशन देता है।
इसी तरह एक अन्य पेस्टिसाइड स्पाइरोमेसिफेन के लिए कोडेक्स ने 5 mg/kg की लिमिट तय कर रखा है, लेकिन FSSAI इसके लिए 1 mg/kg तक की ही अनुमति देता है।
काली मिर्च के लिए मेटालैक्सिल और मेटालैक्सिल-M के यूज के लिए कोडेक्स ने 2mg/kg का लिमिट तय किया है, जबकि FSSAI इसे केवल 0.5mg/kg तक मिलाने की अनुमति देता है।
कोडेक्स कंज्यूमर हेल्थ की रक्षा करने और फूड बिजनेस पर नजर रखने वाला एक ग्लोबल संस्था है। यह इंटरनेशनल सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के बीच खाद्य मानकों को तय और लागू करने की अनुमति देता है।
मसालों के लिए तय ग्लोबल लिमिट से कम कीटनाशक की अनुमति देता है FSSAI
कीटनाशक के नाम | मसाले | FSSAI MRL (mg/Kg) | कोडेक्स MRL (mg/kg) |
मेटालैक्सिल और मेटालैक्सिल-M | काली मिर्च | 0.5 | 2.0 |
मायक्लोबुटानिल | सूखी मिर्च | 2.0 | 20.0 |
स्पाइरोमेसिफेन | सूखी मिर्च | 1.0 | 5.0 |
थियामेथोक्सम | सूखी मिर्च | 5.0 | 7.0 |