सुधांशू महाराज दो दिनों के छत्तीसगढ़ प्रवास पर पहुंचे, जहां समाज, धर्म पर आम लोगों से बातचीत की। शनिवार को वे नगर कार्यक्रम में शामिल हुए थे। रविवार को उन्होंने कुम्हारी के ब्रह्मलोक आश्रम का दौरा किया। आयोजक संस्था विश्व जागृति मिशन ने गुरु पूर्णिमा
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मीडिया से चर्चा के दौरान धर्मांतरण को लेकर सुधांशू महाराज ने कहा कि, दुनिया में जो धर्मांतरण हो रहा है, वो तीन लोगों का सबसे अधिक हुआ है। पहले तो बुद्धिस्ट लोगों का, फिर वे अफ्रिकन मूल के लोग हैं चाहे मसाई, हिब्रू जाति के हों। जो अफ्रिका के मूल निवासी थे उनका बहुत अधिक कनवर्जन हुआ।
तीसरे नंबर पर हिंदुओं का हुआ। हिंदुओं के धर्मांतरण का कारण है कि वो सहनशील हैं। दूसरों के प्रति उदारता बरतने वाले हैं। इसी भाेलेपन का फायदा उठाया गया।
रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने पत्नी के साथ की मुलाकात।
राजनीतिक कारणों से भी हो रहे धर्मांतरण
महाराज ने धर्मांतरण रोकने के लिए कहा कि, ऐसे में लोगों को समझाना है कि उनका सनातन धर्मा, श्रेष्ठ है। ये बात अच्छे ढंग से लोगों के हृदय तक पहुंचानी होगी। राजनीतिक कारणों से भी धर्मांतरण हो रहे हैं। भय-लालच का इस्तेमाल हो रहा है। राष्ट्रांतरण के लिए कुछ लोग धर्मांतरण कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए अच्छे प्रयास करने की जरूरत है।
रायपुर निगम सभापति प्रमोद दुबे ने भी मुलाकात की।
दो फरिश्ते हैं हर इंसान के जीवन में
महाराज ने कहा कि, मनुष्य का पालन पोषण करने के लिए भगवान ने माता-पिता के रूप में दो फरिश्ते बनाए। जिस दिन आपके व्यवहार से माता-पिता की आंखों में आंसू आ गए, समझ लेना उसी दिन से भगवान आपसे नजरें फेर लेंगे। फिर आपका बुरा वक्त शुरू हो जाएगा। इसलिए कभी भी अपने माता-पिता की आंखों में आंसू नहीं आने देना।
प्रतिदिन यह काम जरूर करें
ब्रह्म मुहूर्त में जाग जाए। भगवान सूर्य के दर्शन करें। भगवान का धन्यवाद करें। प्रभु के सामने प्रार्थना करें। प्रभु के आगे समर्पण करें। लक्ष्य के लिए संकल्प करें।
दूसरों के बजाय खुद को सुधारें
सुधांशु महाराज ने कहा कि, दूसरों में कमियां ढूंढने से पहले तटस्थ भाव से आत्मनिरीक्षण करें। जब आप अपने भीतर झांकेंगे तो खुद में अनेक कमियां दिखाई देंगी। इसलिए औरों को सुधारने से पहले खुद में सुधार करें।
संपत्ति को बाधक न बनाएं
सुधांशु महाराज ने कहा कि, जरा सी संपत्ति के लिए लोग अपनों से नाता तोड़ लेते हैं। भरत ने भाई के लिए साम्राज्य को ठुकरा दिया। इसलिए राम और भरत जैसे भाई का दूसरा उदाहरण नहीं है। परिवार की एकजुटता के लिए संपत्ति को बाधक न बनाएं।
बातों को बर्दाश्त करें
सुधांशु महाराज ने कहा कि, परिवार को एकजुट रखने और रिश्ते निभाने के लिए आप में बर्दाश्त करने का गुण होना चाहिए। जिसने दूसरों की बातों को बर्दाश्त करना सीख लिया, उसी का परिवार एकजुट रहता है। वरना जिंदगी तमाशा बन जाती है।
अहंकार होने पर सावधान हो जाएं
सुधांशु महाराज ने कहा कि, अगर अहंकार होने लगे तो आप सावधान हो जाएं। भगवान सब कुछ स्वीकार कर लेते हैं, लेकिन अहंकार बर्दाश्त नहीं करते। उनकी कृपा पाने के लिए व्यक्ति का मृदुभाषी, कर्मठ और दृढ़निश्चयी होना जरूरी है।