बारबाडोस32 मिनट पहलेलेखक: बारबाडोस से संदीपन बनर्जी
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2011 के बाद आंखें तरस गई थीं कि कोहली या रोहित वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाएं। 13 साल का लंबा इंतजार खत्म हुआ। रोहित की टीम ने साउथ अफ्रीका से टी-20 वर्ल्ड कप छीन लिया। ऐसा फाइनल जीता, जिसे हर कोई हारा हुआ मान बैठा था।
पूरे वर्ल्ड कप जमकर बल्लेबाजी कर रहे रोहित फाइनल में नहीं चले, पर कोहली अड़ गए। 76 रन बनाए। अक्षर और शिवम ने भी पूरा जोर लगाया। 177 रन का टारगेट दिया।
साउथ अफ्रीका बल्लेबाजी के लिए उतरी। 14 ओवर तक तक उनके बल्लेबाज तेजी से जीत की तरफ बढ़ रहे थे। इसके बाद जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पंड्या गेंदबाजी के लिए लौटे और इंडिया की मैच में वापसी हुई। सूर्यकुमार यादव रन नहीं बना पाए थे, लेकिन एक कैच से मैच पलट दिया।
आखिरी ओवर तक इंडिया लड़ती रही और जीत छीन ली। 177 रन चेज कर रही साउथ अफ्रीका को 169 पर रोक दिया। 7 रन से हरा दिया। 32 साल से चोकर्स कही जा रही साउथ अफ्रीका इस बार भी दाग लेकर ही लौटी।
बारबाडोस के मैदान पर खिताबी जीत की यादगार तस्वीर…
वर्ल्ड कप जीतने के बाद केंसिंग्टन ओवल मैदान पर भारत का झंडा गाड़ते भारतीय कप्तान रोहित शर्मा। आज से 4 महीने पहले फरवरी में BCCI महासचिव जय शाह ने कहा था कि मुझे विश्वास है कि भारत बारबाडोस के मैदान पर टी-20 वर्ल्ड कप जीतकर झंडा गाड़ेगा।
अब फाइनल का एनालिसिस…
मैच विनर- विराट कोहली
फाइनल से पहले विराट ने 7 मैच में टोटल 75 रन बनाए थे। फाइनल में ही 76 रन बना डाले। ऐसे समय में जब इंडिया पावरप्ले में ही रोहित शर्मा, ऋषभ पंत और सूर्यकुमार के विकेट खो दिए थे। 176 के स्कोर में सबसे ज्यादा रन विराट ने ही बनाए।
जीत के हीरो
1. अक्षर पटेल
अक्षर को रोहित शर्मा ने हार्दिक पंड्या और शिवम दुबे से पहले बल्लेबाजी के लिए भेजा। जिम्मेदारी दी कि विकेट संभालो और अक्षर ने यही किया। 5वें ओवर में 3 विकेट गिरने के बाद आए थे और 15वें ओवर में आउट हुए, वो भी दुर्भाग्य से। रन के लिए भागे थे और आउट हो गए। लेकिन इससे पहले 47 रन की पारी खेली, 4 छक्के लगाए।
2. हार्दिक पंड्या
बल्लेबाजी में तो सिर्फ 5 रन बनाए, लेकिन गेंद से कमाल कर दिया। 27 गेंदों पर 52 रन बना चुके हेनरिक क्लासन का विकेट लिया। आखिरी ओवर में जब 12 रन चाहिए थे, तब डेविड मिलर को और कगिसो रबाडा को आउट किया।
3. जसप्रीत बुमराह
अफ्रीका का पहले विकेट जसप्रीत ने ही लिया। ओपनर रीजा हेंड्रिक्स को दूसरे ओवर में बोल्ड किया। इसके बाद उनकी वापसी 16वें ओवर में हुई, जब मैच साउथ अफ्रीका के पाले में था। 30 गेंदों पर 30 रन चाहिए थे। बुमराह ने सिर्फ 4 रन दिए। इसके बाद 18वें ओवर में वापसी हुई और सिर्फ 2 रन दिए। इस ओवर में मार्को यानसन को बोल्ड किया, ये सिर्फ बोल्ड नहीं जीत की मुहर थी। साउथ अफ्रीका 6 विकेट खो चुका था।
4. अर्शदीप सिंह
कप्तान ऐडन मार्करम को पावरप्ले के अंदर आउट कर दिया। अर्धशतक की ओर बढ़ रहे ओपनर डी कॉक को आउट किया। अर्शदीप ने 4 ओवर में महज 20 रन देकर 2 विकेट हासिल किए। डी कॉक का विकेट इंडिया के लिए बड़ी कामयाबी थी।
जीत की 2 वजहें…
1. इंडिया की 2 बड़ी साझेदारियां
विराट कोहली पहले ओवर में बल्लेबाजी के लिए उतरे और 19वें ओवर तक जमे रहे। 76 रन बनाए। इस पारी के अलावा दो साझेदारियां ऐसी थी,जिसने स्कोर 176 तक पहुंचाया। कोहली ने पहले अक्षर पटेल के साथ 72 रन की साझेदारी की, इसके बाद शिवम दुबे के साथ 57 रन जोड़े।
2. इंडियन पेसर्स ने आखिरी 4 ओवर में गेम पलटा
भारतीय तेज गेंदबाजों ने मैच में शानदार प्रदर्शन किया। बुमराह, अर्शदीप और पंड्या की तिकड़ी ने मिलकर 7 विकेट चटकाए। इन तीनों ने आखिरी 5 ओवर में 30 रन नहीं बनने दिए। बुमराह ने बाद के 2 ओवर्स में 6 रन दिए और एक विकेट लिया। हार्दिक ने 2 ओवर में 12 रन दिए और 3 विकेट लिए। अर्शदीप ने एक ओवर किया और 4 रन दिए। इन ओवर्स ने मैच जिता दिया।
टार्निंग पॉइंट
1. क्लासन का विकेट
15वां ओवर फेंकने अक्षर आए, हेनरिक क्लासन ने उनकी 6 गेंदों पर 24 रन बना डाले। इसके बाद बुमराह के ओवर में सिंगल लेकर 50 पूरी की। अब 24 गेंदों में सिर्फ 26 रन जीत के लिए चाहिए थे। 17वें ओवर में हार्दिक आए और पहली ही गेंद पर क्लासेन का विकेट लिया। यही वो विकेट था, जिसके बाद टीम इंडिया की जीत की उम्मीद जिंदा हुईं।
2. सूर्या का यादगार कैच, खतरनाक मिलर आउट हुए
6 गेंदों में साउथ अफ्रीका को 16 रन बनाने थे और क्रीज पर थे डेविड मिलर। हार्दिक ने ऑफ स्टंप पर लो फुलटॉस डाली। मिलर ने शॉट खेला जो बाउंड्री पार जा रहा था। सूर्यकुमार बाउंड्री के बाहर जाते हुए कैच पकड़ा, गेंद उछाली और बाउंड्री के भीतर आकर कैच कंपलीट किया।
फाइटर ऑफ द मैच – हेनरिक क्लासन
हेनरिक क्लासन फाइटर ऑफ द मैच रहे। उन्होंने 27 बॉल पर 52 रन की विस्फोटक पारी खेली। क्लासन ने 192.59 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए। उन्होंने 2 चौके और 5 विकेट गंवाए।