Astrology and festivals: Auspicious coincidence of 5 Saturdays in the month of Ashadh, according to astrologers, there are signs of big changes in the economic condition of the country | आषाढ़ मास 21 जुलाई तक: इस महीने 5 शनिवार का शुभ संयोग, ज्योतिषीयों के मुताबिक देश की आर्थिक स्थिति में बड़े बदलाव के संकेत

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6 मिनट पहले

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आषाढ़ महीना शनिवार 22 जून से शुरू हो गया है और अब 21 जुलाई, रविवार को खत्म होगा। पूरे महीने में पांच शनिवार का संयोग भी बन रहा है। शनि देव का वार होने से इसे ज्योतिष में न्याय का दिन भी माना गया है।

ज्योतिषियों का मानना है कि पांच शनिवार होने से देश की राजनीति में उथल-पुथल और बड़े बदलाव होने की संभावना है। वहीं, आर्थिक नजरिये से निचले तबके वालों के लिए अच्छा समय माना जा रहा है। इस संयोग का असर शेयर मार्केट पर भी दिखेगा।

आषाढ़ मास की व्रत और स्नान-दान वाली अमावस्या 5 जुलाई को रहेगी। इस महीने गुप्त नवरात्रि रहेगी। इसके बाद देवशयन के साथ चातुर्मास शुरू हो जाएगा। वहीं, महीने का आखिरी दिन यानी आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई, रविवार को रहेगी। इस दिन गुरु पूर्णिमा पर्व रहेगा।

इस महीने में दान-पुण्य का विशेष महत्व
मिथुन राशि में सूर्य भ्रमण का समय देवशयनी एकादशी तक विशेष रहेगा। ऐसे में यह पूरा महीना दान-पुण्य के लिए विशेष माना गया है। 5 शनिवार का संयोग होने के कारण ज्योतिषी इस महीने को विशेष मान रहे हैं। इस दौरान शनिदेव की विशेष पूजा और शिवजी के लिए अनुष्ठान भी कराए जा सकते हैं।

मिथुन में सूर्य भ्रमण शुभ कार्यों के लिए फलदायी
मिथुन राशि में सूर्य भ्रमण के समय विवाह जैसे मांगलिक कार्य देवशयनी एकादशी तक रहेंगे। इसके बाद चातुर्मास शुरू होने से 4 महीने के लिए शादियां और शुभ काम रूक जाएंगे।

मिथुन राशि में सूर्य का भ्रमण शुभ कामों के लिए फलदायी माना जाता है। इस समय मुंडन, यज्ञोपवीत संस्कार, विद्यारंभ, वर-वरण, कन्या-वरण, प्रतिष्ठान का प्रारंभ, वस्तु क्रय-विक्रय, विवाह जैसे मांगलिक कार्य हो सकेंगे।

आषाढ़ महीने का महत्व
आषाढ़ मास जेष्ठ और श्रावण मास के बीच में होता है। आषाढ़ मास का नाम पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के पर रखा गया है। इस महीने में पूर्णिमा तिथि के दिन चंद्रमा दोनों नक्षत्रों के बीच रहता है। जिसकी वजह से इस महीने को आषाढ़ कहा जाता है। आषाढ़ मास में पड़ने वाली शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है।

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