Chief Minister Vishnudev Sai met the children | बच्चों से रूबरू हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय: ‘ जिम्मेदारियों के चलते मुझे शरारत करने का समय नहीं मिला, लेकिन आप शरारतें भी करें ’ – Dhamtari News


शरारत तो बचपन में करते ही हैं, लेकिन मेरे साथ अलग परिस्थितियां थीं। 10 साल की उम्र में ही पिता का साया उठ गया था। बचपन से ही जिम्मेदारी संभाली, इसलिए परिस्थिति अलग थी। परिवार में सबसे बड़ा बेटा था। सबको संभालना था, लेकिन आपसे कहता हूं कि शरारत भी जरूर

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शुक्रवार को मिशन अव्वल के तहत विद्यार्थी सम्मान समारोह आयोजित किया। इसमें बतौर सीएम विष्णुदेव साय पहली बार धमतरी आए थे। उन्होंने जिले के 600 विद्यार्थियों के साथ खिलाड़ियों को सम्मानित किया। साथ ही 55.15 करोड़ के 122 विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास किया। इस समारोह में मुख्यमंत्री ने करीब 5 मिनट वन-टू वन 3 विद्यार्थियों के सवाल का उत्तर दिया। सीएम से वेदिका देवांगन, सविता सोरी व दीक्षा साहू ने प्रश्न किए। छात्रा वेदिका ने पूछा कि स्कूली लाइफ में शरारत की या नहीं, तो सीएम ने उक्त जवाब दिया।

मुख्यमंत्री ने बच्चों की हौसलाअफजाई करते हुए एक पंक्ति से अपनी बात समाप्त की। वो दूर खड़ी मंजिल इंगित कर तुम्हें बुलाती है, साहस से बढ़ने वालों के माथे पर चंदन लगाती है… मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अपनी जीवनचर्या में योग को जरूर शामिल करें। अपनी व्यस्त दिनचर्या में थोड़ा समय योग के लिए जरूर निकालें। कार्यक्रम समापन पूर्व मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के तहत 7594 हितग्राहियों को 1 लाख 41 हजार 35 रुपए और मुख्यमंत्री नोनी-बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत 119 हितग्राहियों को 6 लाख 41 हजार 500 रुपए की राशि वितरित की।

कार्यक्रम रत्नाबांधा रोड स्थित मेनोनाइट इंग्लिश स्कूल में आयोजित हुआ था। सांसद रूपकुमारी चौधरी, विधायक अजय चन्द्राकर ने भी संबोधित किया।

मुख्यमंत्री से बच्चों की हुईं ऐसी बातें

छात्रा वेदिका देवांगन: सारे बच्चे स्कूल लाइफ में शरारती होते हैं, वैसे ही आप भी शरारती थे क्या?
मुख्यमंत्री
: शरारत तो बचपन में करते ही हैं, लेकिन मेरे साथ अलग परिस्थितियां थीं। 10 साल की उम्र में ही पिता का साया उठ गया था। बचपन से ही जिम्मेदारी संभाली, इसलिए परिस्थिति अलग थी। परिवार में सबसे बड़ा बेटा था। सबको संभालना था, लेकिन आपसे कहता हूं कि शरारत भी जरूर करें, यह सब बचपन की यादें रहती हैं।

छात्रा सविता सोरी: क्या यह सच है कि गांव के स्कूल पढ़ाई में शहर से पीछे होते हैं?
मुख्यमंत्री
: इस बात से सहमत नहीं हूं कि गांव के स्कूल पढ़ाई में शहरों से पीछे होते हैं। गांव और शहर की बात नहीं है। जहां भी शिक्षक अच्छे मिलते हैं, वहां पढ़ाई का स्तर अच्छा हो जाता है। गांव के स्कूल में पढ़ने के बावजूद भी मैंने अपने स्कूली जीवन में 10वीं कक्षा तक अनेक बार पूर्णांक लाए हैं।

छात्रा दीक्षा साहू: मुझे सिविल सेवा में जाना है, मुझे क्या करना चाहिए?
मुख्यमंत्री
: आपकी इच्छा शक्ति दृढ़ होनी चाहिए और मेहनत खूब करनी चाहिए। आपको निश्चित ही अच्छा परिणाम मिलेगा।

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