28 को शुक्रोदय होने के दसवें दिन से मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे। मालूम हो कि धन, वैभव, प्रेम, सौंदर्य और सुख-समृद्धि के दाता शुक्र ग्रह 29 अप्रैल को पूर्व दिशा में अस्त हो गए थे। 28 जून की शाम 5 बजे पश्चिम दिशा में उदय होंगे। शुक्र ग्रह का उदय आषाढ
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शुक्रोदय के पूरे 10 दिन बाद ही शहनाई की गूंज सुनाई देगी। इसके बाद सभी शुभ और मांगलिक कार्य शादी-विवाह, जनेऊ, मुंडन, गृहप्रवेश, भूमि पूजन, द्विरागमन, भवन-वाहन, आभूषण की खरीदारी शुरू हो जाएगी। इस ग्रह के उदय होने से बाजारों में रौनक लौटेगी और शेयर बाजार में भी उछाल आएगा। पंडित संतोष चन्द्र प्रभाकर ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी-विवाह में शुभ मुहूर्त का होना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस संसार में वैवाहिक बंधन को सबसे पवित्र रिश्ता माना गया है। इसलिए इसमें शुभ मुहूर्त का होना जरूरी है। शास्त्रों में शादी के शुभ योग के लिए नौ ग्रहों में गुरु, शुक्र और सूर्य का शुभ और उदित होना जरूरी है। वहीं रवि-गुरु का संयोग सिद्धिदायक और शुभ फलदायी होते हैं। इन तिथियों पर शादी-विवाह को बेहद शुभ माना गया है।