स्पोर्ट्स डेस्क4 मिनट पहले
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मोहम्मद नवाज की गेंद पर रविचंद्रन अश्विन एक रन लेते हैं और भारतीय टीम पाकिस्तान पर 4 विकेट से रोमांचक जीत हासिल कर लेती है। अश्विन के साथ उस वक्त क्रीज पर मौजूद विराट कोहली भारतीय जीत के सबसे बड़े हीरो साबित हुए। उन्होंने 53 गेंदों पर 82 रन की बेहतरीन पारी खेली। यह वाकया 2022 में हुए पिछले टी-20 वर्ल्ड कप में भारत-पाकिस्तान मैच का है।
उस मैच का फैसला आखिरी गेंद पर हुआ, लेकिन 9 जून को इसी टूर्नामेंट में जब दोनों टीमें फिर आमने-सामने होंगी तो मुमकिन है कि मुकाबले का नतीजा मैच से पहले ही तय हो जाए। यानी मैच में कौन जीतेगा या कौन हारेगा, यह काफी हद तक टॉस के वक्त ही तय हो सकता है। ऐसा क्यों होगा, आगे समझते हैं…
वर्ल्ड कप में 71% मैच सेकेंड बैटिंग करने वाली टीम ने जीते
भारत और पाकिस्तान के बीच पहली बार कोई टी-20 मुकाबला 2007 के वर्ल्ड कप में ही खेला गया। डरबन में हुआ यह मैच टाई रहा, लेकिन भारत ने बॉल आउट के जरिए मैच जीत लिया। इसे मिलाकर टी-20 वर्ल्ड कप में दोनों के बीच 7 मैच खेले गए। 2007 में दोनों बार पहले बैटिंग करने वाली टीमों को जीत मिली।
2009 और 2010 में दोनों के बीच मैच नहीं हुआ। 2012 से हर वर्ल्ड कप में भारत-पाक मैच हुआ। पांचों बार सेकेंड बैटिंग करने वाली टीम को ही जीत मिली। 2021 में पाकिस्तान ने भारत को एकमात्र वर्ल्ड कप मैच भी सेकेंड बैटिंग करते हुए ही हराया है। यानी सेकेंड बैटिंग करने वाली टीम ने 71% मैच जीते।
दोनों टीमों ने आपस में कुल 12 टी-20 खेले हैं। इनमें भी 9 बार सेकेंड बैटिंग करने वाली टीम को ही जीत मिली, पहले बैटिंग करने वाली टीम ने 3 मैच जीते। यानी पहले गेंदबाजी करने के कॉन्सेप्ट ने 75% मैचों में सफलता दिलाई।
भारत-पाक मैच में टॉस अहम क्यों?
कारण-1: टी-20 में चेज आसान
2021 से टॉप-10 टीमों के 50% टी-20 मैच चेज करने वाली टीमों ने जीते। पहले बैटिंग करने वाली टीमों को 43% बार ही सफलता मिली। बाकी मुकाबले या तो बेनतीजा रहे या टाई रहे हैं। आम तौर पर टी-20 फॉर्मेट में ज्यादातर गेम रात के होते हैं, जहां दूसरी पारी में ओस के कारण बैटिंग करना आसान हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ओस से गेंदबाज बॉल को आसानी से कंट्रोल नहीं कर पाते, इससे गेंद का टप्पा मिस होता है और बैटर खराब गेंदों पर खुल के शॉट्स खेलने लग जाते हैं। हालांकि, 9 जून को होने वाला भारत-पाकिस्तान मैच डे टाइम में होगा।
कारण-2: हाई प्रेशर गेम में चेज करना बेहतर
नॉकआउट और भारत-पाकिस्तान जैसे हाई प्रेशर मैचों में दबाव पहले बैटिंग करने वाली टीम पर ज्यादा होता है। सेकेंड बैटिंग करने वाली टीम के सामने एक टारगेट होता है, जिस कारण इनिंग बिल्ड करने में आसानी होती है। हाई प्रेशर गेम में पहले गेंदबाजी करना जीत की गारंटी नहीं है लेकिन इससे दूसरी टीम पर दबाव बनाने का ज्यादा मौका मिलता है।
कारण-3: न्यूयॉर्क की पिच पहले बैटिंग में मुश्किल
न्यूयॉर्क के नसाउ काउंटी स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच होगा। स्टेडियम को टी-20 वर्ल्ड कप के लिए ही बनाया गया। इसे बनाने के लिए बहुत कम समय मिला, इसलिए ऑस्ट्रेलिया से मंगवाकर ड्रॉप-इन पिच लगाई गई। शुरुआती मैचों के बाद ही पिच की जमकर आलोचना होने लगी। यहां असमान उछाल, बहुत ज्यादा स्विंग और खराब आउटफील्ड देखने को मिली। ICC ने भी पिच के बिहेवियर पर कहा कि इसे सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि, अब तक हुए मैचों में यहां भी बाद में बैटिंग करना फायदेमंद रहा। क्योंकि अमेरिका में मैच सुबह शुरू होने के कारण पिच पर नमी रहती है, जिस कारण गेंदबाजों को मदद मिलती है। धूप जैसे-जैसे बढ़ती है, पिच बैटिंग के लिए पहली पारी के मुकाबले ज्यादा मददगार हो जा रही है। इसी कारण यहां भी बाद में बैटिंग करना ही फायदेमंद है। अब तक न्यूयॉर्क में 3 मैच खेले गए, 2 बार चेजिंग टीम और एक बार पहले बैटिंग करने वाली टीम जीती। शुरुआती 2 मैचों में स्कोर 100 रन के अंदर रहा, वहीं तीसरे मैच में कनाडा ने 137 रन बनाकर आयरलैंड को 125 पर रोक दिया।
जानते हैं टी-20 वर्ल्ड कप में अब तक हुए भारत-पाक मैचों का ट्रेंड क्या रहा…
2007 में दोनों मैच पहले बैटिंग करने वाली टीम ने जीते
2007 में भारत और पाकिस्तान एक ही ग्रुप में थे, दोनों 14 सितंबर को भिड़ीं। पाकिस्तान ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी, भारत ने 9 विकेट के नुकसान पर 141 रन बनाए। पाकिस्तान भी दूसरी पारी में 141 रन ही बना सका और मैच टाई हो गया। हालांकि, तब के टाई-ब्रेकर नियम बॉल आउट में भारत ने मैच जीत लिया।
2007 में भारत-पाकिस्तान फिर फाइनल में भी भिड़े। इस बार भारत ने टॉस जीतकर बैटिंग चुनी और 5 विकेट पर 157 रन बनाए। पाकिस्तान टीम स्कोर के करीब पहुंची, लेकिन 19.3 ओवर में 152 रन पर ऑलआउट हो गई। यानी शुरुआती दोनों मैचों में पहले बैटिंग करने वाली टीम को सफलता मिली।
2012 से 2022 तक चेज करने वाली टीम ही जीती
2012 में कोलंबो के मैदान पर पाकिस्तान ने टॉस जीतकर बैटिंग चुनी, लेकिन टीम 19.4 ओवर में 128 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। भारत ने विराट कोहली की फिफ्टी की मदद से 17 ओवर में ही 2 विकेट खोकर टारगेट हासिल कर लिया।ट
2014 में मीरपुर के मैदान पर भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी। पाकिस्तान 7 विकेट पर 130 रन ही बना सका। भारत ने 18.3 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर आसानी से टारगेट हासिल कर लिया।
2016 में कोलकाता के मैदान पर भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी। बारिश के कारण मैच 18-18 ओवर का हुआ, पाकिस्तान ने 5 विकेट पर 118 रन बनाए। भारत ने 15.5 ओवर में 4 विकेट खोकर मैच जीत लिया।
2021 में दुबई के मैदान पर पाकिस्तान ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी। भारत 7 विकेट खोकर 151 रन ही बना सका। पाकिस्तान ने 17.5 ओवर में बगैर नुकसान के ही टारगेट हासिल कर लिया। मोहम्मद रिजवान और बाबर आजम ने रिकॉर्ड 152 रन की पार्टनरशिप कर दी।
2022 में मेलबर्न के मैदान पर भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी। पाकिस्तान ने 8 विकेट पर 159 रन बनाए। भारत ने 31 रन पर ही 4 विकेट गंवा दिए, यहां से हार्दिक पंड्या और विराट कोहली ने पारी संभाली। कोहली ने 82 रन बनाए और भारत को आखिरी बॉल तक चले मुकाबले में 4 विकेट से जीत दिला दी।
159 रन पहली पारी का हाईएस्ट स्कोर
अब तक हुए 7 वर्ल्ड कप मुकाबलों में 159 रन पहली पारी का हाईएस्ट स्कोर रहा, जो पाकिस्तान ने 2022 में मेलबर्न के मैदान पर बनाया। हालांकि, भारत ने इसे चेज कर लिया था। दोनों के बीच 118 रन सबसे छोटा स्कोर रहा, जो पाकिस्तान ने 2016 में बनाया। हालांकि, यह मैच बारिश के कारण 18-18 ओवर का किया गया था।
20 ओवर के खेल में पहली पारी का सबसे छोटा स्कोर 128 रहा, ये भी पाकिस्तान ने ही 2012 में बनाया। यानी वर्ल्ड कप में दोनों के बीच अब तक लो स्कोरिंग मैच ही हुए, जिनमें स्कोर 118 से 159 रन तक ही पहुंच सका।
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ग्राफिक्स: कुणाल शर्मा
स्केच: संदीप पाल
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