इनकम टैक्स के दायरे में आने वाले सरकारी और प्राइवेट कंपनी के ज्यादातर अधिकारी-कर्मचारियाें ने टैक्स रिफंड लेने का गजब ही तरीका निकाला है। पिछले दाे साल से देवासआयकर विभाग काे रिफंड इतना करना पड़ रहा है कि विभाग घाटे में चल रहा है। टैक्स वसूली से ज्या
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इस तरह से विभाग काे इस वर्ष 8.79 कराेड़ रु. का घाटा हुआ है। विभाग काे अपनी तरफ से पैसे देने पड़े हैं। पिछले वर्ष विभाग काे 43.14 कराेड़ इनकम टैक्स आया था, लेकिन बाेगस इन्वेस्टमेंट दर्शाकर 45.44 कराेड़ का रिफंड ले लिया गया। विभाग काे 2.30 कराेड़ का नुकसान हुआ था। दाे साल से विभाग काे रिफंड के रूप में हाे रहे नुकसान काे देखते हुए बाेगस इन्वेस्टमेंट दर्शाने वालाें की माॅनिटरिंग शुरू कर दी है। जिले में जिन लाेगाें की सालाना सैलरी इनकम टैक्स के दायरे में आती हैं, लेकिन रिफंड दर्शाया जा रहा है उनकी सूची तैयार की जा रही है।
ऐसे सरकार काे लगा रहे चूना…
अगर किसी कर्मचारी की ग्राेथ सैलरी 7 लाख 50 हजार है ताे वह इनकम टैक्स के दायरे में आता है। टैक्स में छूट पाने के लिए उसने 1 लाख का खर्च बीमा पाॅलिसी का दर्शा दिया और 1 लाख का हाउस लाेन दर्शा दिया। जब आयकर विभाग की वेबसाइट पर खर्च का उल्लेख किया ताे बीमा पाॅलिसी खर्च 1.25 लाख और हाउस लाेन बढ़ाकर 1.30 लाख दर्शा दिया गया।
इसमें 55 हजार बाेगस दिखा दिए गए। इस तरह से उसकी सालाना इनकम 7.50 लाख रु. से घटकर 4 लाख 95 हजार रु. हाे गई। सालाना 5 लाख रु. तक सैलरी पर आयकर विभाग इनकम टैक्स में छूट देता है। प्लानिंग कर इनकम कम बता दी गई। इस तरह से जाे कंपनी ने कर्मचारी की सैलरी से टीडीएस काटा था वह उसने ऑनलाइन क्लेम कर रिफंड के रूप में पैसा खाते में वापस ले लिया है।
सीधी बात: आरएल मीना, जिला आयकर अधिकारी देवास
फाइल जमा करते समय दस्तावेज नहीं देखते।
- वर्ष 2016 से ऑनलाइन फाइल जमा हाे रही, अपलाेड किए दस्तावेज साॅफ्टवेयर सही मानता, क्राॅस चेक करने का सिस्टम नहीं है।
- दाे साल में कितना रिफंड गया।
- दाे साल में 32 प्रतिशत विभाग से रिफंड ले लिया।
- अभी तक कितने केस सामने आए।
- भाेपाल से फिल्टर लगाने पर शुरुआत में जिले के 32 केस सामने अाए।
- शत-प्रतिशत टैक्स में किसकाे लाभ मिलता है।
- राजनीतिक पार्टी काे मिलता है।
- पिछले तीन साल से विभाग में एक व्यक्ति राष्ट्रवादी पार्टी के नाम पर 15-16 लाख रु. जमा कर रहा है।
- आप नजर नहीं रखते।
- भाेपाल से ज्यादा इनकम वाले रिफंड ले रहे उन पर नजर रखी जा रही है।