मुंबई14 मिनट पहले
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2025 में अब तक रुपया 4.77% कमजोर हुआ।
रुपया आज (23 सितंबर) डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। कारोबार के दौरान रुपया 34 पैसे गिरकर ₹89.79 तक लुढ़क गया, जो लगभग 2 हफ्ते पहले के ऑल-टाइम लो (89.66) को पार कर गया। 21 नवंबर को रुपया 98 पैसे गिरा था।
घरेलू शेयर बाजारों की गिरावट और लगातार विदेशी फंडों की निकासी ने रुपए पर दबाव बनाया है। सुबह रुपया फ्लैट 89.45 प्रति डॉलर के स्तर पर खुला था। वहीं शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे की गिरावट के साथ 89.45 पर बंद हुआ था।
2025 में अब तक रुपया 4.77% कमजोर हुआ
रुपया 2025 में अब तक 4.77% कमजोर हो चुका है। 1 जनवरी को रुपया डॉलर के मुकाबले 85.70 के स्तर पर था, जो अब 89.79 के लेवल पर पहुंच गया है।
इम्पोर्ट करना महंगा होगा
रुपए में गिरावट का मतलब है कि भारत के लिए चीजों का इम्पोर्ट महंगा होना है। इसके अलावा विदेश में घूमना और पढ़ना भी महंगा हो गया है। मान लीजिए कि जब डॉलर के मुकाबले रुपए की वैल्यू 50 थी, तब अमेरिका में भारतीय छात्रों को 50 रुपए में 1 डॉलर मिल जाता था। अब 1 डॉलर के लिए छात्रों को 89.79 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इससे फीस से लेकर रहना-खाना और अन्य चीजें महंगी हो जाएंगी।

करेंसी की कीमत कैसे तय होती है?
डॉलर की तुलना में किसी भी अन्य करेंसी की वैल्यू घटे तो उसे मुद्रा का गिरना, टूटना, कमजोर होना कहते हैं। अंग्रेजी में करेंसी डेप्रिसिएशन कहते हैं। हर देश के पास फॉरेन करेंसी रिजर्व होता है, जिससे वह इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन करता है। फॉरेन रिजर्व के घटने और बढ़ने का असर करेंसी की कीमत पर दिखता है।
अगर भारत के फॉरेन रिजर्व में डॉलर, अमेरिका के रुपए के भंडार के बराबर होगा तो रुपए की कीमत स्थिर रहेगी। हमारे पास डॉलर घटे तो रुपया कमजोर होगा, बढ़े तो रुपया मजबूत होगा। इसे फ्लोटिंग रेट सिस्टम कहते हैं।


