Mutual Funds Investment Benefits; Bluechip | Large-cap Funds Return | ब्लूचिप फंड्स ने 1 साल में दिया 15% का रिटर्न: बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच इसमें निवेश कम रिस्की, जानें इसमें जुड़ी जरूरी बातें

नई दिल्ली40 मिनट पहले

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बीते दिनों महीनों में शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। इससे कई निवेशकों का पोर्टफोलियो नेगेटिव में चला गया है। हालांकि इसी बीच म्यूचुअल फंड की ब्लूचिप फंड्स या लार्ज कैप फंड्स ने बेहतर रिटर्न दिया है। पिछले एक साल में लार्ज कैप ने 15% तक का रिटर्न दिया है।

लंबे समय तक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश करके आप इस फंड में आप अच्छा रिटर्न बना सकते हैं। आइए अब सबसे पहले ब्लूचिप या लार्ज कैप फंड्स म्यूचुअल फंड के बारे में जानते हैं।

ब्लूचिप फंड क्या है? ये लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड ही हैं, हालांकि कुछ लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड ने अपने नाम के साथ ब्लूचिप भी जोड़ लिया है। जैसे एक्सिस ब्लूचिप फंड, ICICI प्रू ब्लूचिप फंड, SBI ब्लूचिप फंड, कोटक ब्लूचिप फंड या फ्रैंकलिन ब्लूचिप फंड।

ब्लूचिप म्यूचुअल फंड स्कीमों के लिए निवेशकों से जुटाई गई राशि का कम से कम 80% टॉप 100 कंपनियों जैसे रिलायंस, HDFC बैंक, TCS, इंफोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, ITC और ICICI बैंक में निवेश करना जरूरी होता है। माना जाता कि इनके शेयरों में उतार चढ़ाव कम होता है, इसलिए इनमें पैसा लगाने पर नुकसान की संभावना, खासतौर पर लंबे समय में कम ही रहती है।

इसमें कम रिस्क के साथ बेहतर रिटर्न ब्लूचिप कंपनी उन कंपनियों को कहते हैं कि जिनका आकार बहुत बड़ा होता है और जिनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। माना जाता कि इनके शेयरों में उतार चढ़ाव कम होता है, इसलिए इनमें पैसा लगाने पर नुकसान की संभवना, विशेषतौर पर लंबे समय में कम ही रहती है।

लार्ज कैप म्यूचुअल फंड स्कीम्स के लिए निवेशकों से जुटाई गई रकम का कम से कम 80% टॉप 100 कंपनियों में निवेश करना जरूरी है। हालांकि निवेश से पहले फंड का पिछला प्रदर्शन, फंड मैनेजर की विशेषज्ञता, और एक्सपेंस रेशियो देखना चाहिए।

इसमें किसे करना चाहिए निवेश? ब्लूचिप फंड्स में उनको पैसा लगाने की सलाह दी जाती है, जो कम जोखिम के साथ शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं। इन स्कीम्स में कम से कम 3 से 5 साल के टाइम पीरियड को ध्यान में रख कर निवेश करना चाहिए। हालांकि इसमें कोई लॉक-इन पीरियड नहीं होता है, इसीलिए आप जरूरत पड़ने पर पैसा निकाल सकते हैं। ध्यान रहे कि छोटे समय मे शेयर बाजार में उतार चढ़ाव का असर आपके निवेश पर अधिक पड़ सकता है, जबकि लंबे समय में यह रिस्क कम हो जाता है।

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