Paghar School Punishment Tragedy; Victim Mother Vs Teacher | Vasai News | पालघर में बच्ची से 100 उठक-बैठक लगवाने वाली टीचर गिरफ्तार: 10 मिनट देर से पहुंची तो सजा दी, फिर तबीयत बिगड़ने से बच्ची की मौत हुई

पालघर1 दिन पहले

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12 साल की काजल गौड़ 6वीं में पढ़ती थी। उसकी 13 नवंबर को जान चली गई थी। - Dainik Bhaskar

12 साल की काजल गौड़ 6वीं में पढ़ती थी। उसकी 13 नवंबर को जान चली गई थी।

महाराष्ट्र के पालघर जिले में छठवीं कक्षा की छात्रा काजल की मौत के मामले में पुलिस ने गुरुवार को महिला टीचर ममता यादव को गिरफ्तार किया है। इसी टीचर ने बच्ची को 100 उठक-बैठक की सजा दी थी।उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

वालीव पुलिस के मुताबिक घटना 8 नवंबर की है, जब 10 मिनट लेट आने पर टीचर ने बच्ची को 100 उठक-बैठक की सजा दी। इससे बच्ची की तबीयत बिगड़ी और 5 दिन बाद 13 नवंबर को इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया था।

घटना के बाद BEO ने जांच के आदेश दिए थे। टीचर ममता को पहले ही सतिवली के प्राइवेट स्कूल से हटाया जा चुका था। बच्ची की मौत के बाद स्थानीय लोगों और मनसे कार्यकर्ताओं ने विरोध किया, जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज किया।

काजल की मां ने स्कूल प्रशासन पर मदद नहीं करने का आरोप भी लगाया है।

काजल की मां ने स्कूल प्रशासन पर मदद नहीं करने का आरोप भी लगाया है।

मां ने कहा- बेटी दर्द में थी

काजल की मां शीला ने बताया कि लेट आने पर बेटी को अन्य बच्चों के साथ बैग लटकाकर उठक-बैठक करवाई गई। कुछ ने 50 से 100 तक किए। घर लौटने पर उसने पीठ दर्द की शिकायत की और हालत बिगड़ती गई। पहले उसे आस्था हॉस्पिटल ले गए। वहां के डॉक्टरों ने कहा कि उसकी पीठ अकड़ गई है, पर कोई बीमारी नहीं है लेकिन बेटी बहुत दर्द में थी।

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फिर मैं काजल को विजय लक्ष्मी हॉस्पिटल ले गई, जहां उसे ICU में रखा गया। स्कूल मैनेजर राम आसरे यादव फीस पूछने आए, फिर जल्द हॉस्पिटल छोड़ने को कहा। पैसे न होने पर उन्होंने मदद से मना कर दिया। एम्बुलेंस ड्राइवर ने भी पेमेंट न मिलने पर गाड़ी रोक दी। बाद में एक डॉक्टर ने एम्बुलेंस का भुगतान किया।

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बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर पिटीशन में इस मामले में खुद से एक्शन लेने, SIT जांच और स्कूल-टीचर के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की गई है।

स्कूल की मान्यता की भी जांच शुरू

जांच के दौरान एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस ने बताया कि वसई में स्थित यह स्कूल केवल 8वीं कक्षा तक ही मान्यता प्राप्त था, लेकिन यहां 10वीं कक्षा तक संचालित की जा रही थी। पुलिस ने इस मामले में भी आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है, जिसमें स्कूल के अवैध संचालन से जुड़े पहलुओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

ये है पूरा मामला…

परिवार ने बताया कि रोज की तरह 8 नवंबर को काजल स्कूल गई थी, लेकिन वहां पहुंचने में उसे 10 मिनट की देरी हो गई। काजल के साथ कुछ अन्य छात्र भी स्कूल देरी से पहुंचे थे, जिसके बाद स्कूल की एक महिला टीचर ने उन्हें 100 उठक-बैठक लगाने की सजा सुनाई।

सभी बच्चों ने एक साथ उठक-बैठक शुरू की लेकिन कुछ देर बाद वह सभी रुक गए, लेकिन डर के कारण काजल ने पूरी 100 उठक-बैठक की। इस सजा के बाद अगले दिन काजल की तबीयत बिगड़ने लगी और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।

उसकी गंभीर हालत को देखते हुए मुंबई रेफर किया गया। डॉक्टरों की तमाम कोशिश के बावजूद 13 नवंबर को काजल की जान चली गई।

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