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जिले की अपर सेशन न्यायाधीश संख्या-2 की अदालत ने गुरुवार को एक पुराने गोलीकांड मामले में दो आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है। न्यायाधीश विनोद कुमार बैरवा ने मुख्य आरोपी को पांच साल कैद और 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा दी, जबकि उसे पिस्तौल देने व
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मामूली बहस ने ले लिया खतरनाक रूप, चली गोली
जानकारी के अनुसार, बस्सी थाना क्षेत्र में रतन पुत्र बालूराम सुवालका का “जय मां टुकड़ा रानी” नाम से होटल है। यह घटना 13 अक्टूबर 2019 की है। उस दिन सुबह रतनलाल पुत्र बाबूलाल उर्फ रमेशचंद्र शर्मा, निवासी परसोली, अपने दोस्त मांगीलाल के साथ होटल पर खाना खाने पहुंचा था। सुबह का समय होने से होटल में खाना तैयार नहीं था। इसी बात पर दोनों का होटल मालिक से विवाद हो गया। गुस्से में दोनों वहां से चले गए, लेकिन रतनलाल ने करीब 15 मिनट बाद होटल मालिक को फोन कर धमकी दी और फिर लगभग 10 मिनट बाद मांगीलाल की बाइक लेकर वापस आ गया।
होटल मालिक पर किया फायर, बाल-बाल बची जान
वापस आने पर रतनलाल ने होटल के बाहर पिस्तौल निकालकर फायर कर दिया। गोली चलने से होटल मालिक रतन सुवालका ने किसी तरह अपनी जान बचाई और अगले दिन 14 अक्टूबर को बस्सी थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की।
पुलिस ने आरोपी से बरामद की पिस्तौल और कारतूस
जांच के दौरान पुलिस ने मुख्य आरोपी रतनलाल शर्मा को गिरफ्तार किया। उसके घर की तलाशी लेने पर पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस बरामद किए गए। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की गई बाइक भी जब्त कर ली। पूछताछ में खुलासा हुआ कि रतनलाल ने यह पिस्तौल चंदेरिया के पांडोली क्षेत्र निवासी राहुल पुत्र जगदीश मीणा से खरीदी थी।
दोनों के आपराधिक रिकॉर्ड ने खोली पुरानी परतें
पुलिस जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी रतनलाल के खिलाफ पहले से ही बस्सी, पारसोली और कोतवाली चित्तौड़गढ़ में कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वहीं, राहुल मीणा के खिलाफ भी कपासन, भोपाल सागर, चित्तौड़गढ़ कोतवाली और बस्सी थानों में कई मामले दर्ज मिले।
चार्जशीट पेश, 18 गवाह और 39 दस्तावेज हुए पेश
मामले की जांच पूरी कर पुलिस ने दोनों के खिलाफ 7 जनवरी 2020 को चार्जशीट अदालत में पेश की। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 18 गवाहों और 39 दस्तावेजों को सबूत के रूप में पेश किया। दोनों पक्षों के वकीलों की बहस लंबी चली।
अदालत ने सुनाई सजा, दिया सख्त संदेश
खुले न्यायालय में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश विनोद कुमार बैरवा ने दोनों आरोपियों को दोषी पाया। अदालत ने रतनलाल शर्मा को पांच साल की सजा और 30 हजार रुपए जुर्माना लगाया, जबकि पिस्तौल देने वाले राहुल मीणा को तीन साल की कैद और पांच हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया।
