Himachal Canadian paraglider body found after 48 hours missing Bir Billing Kangra | कनाडाई पैराग्लाइडर का 48 घंटे बाद मिला शव: हिमाचल में 12795 फीट की ऊंचाई पर क्रैश हुआ पैरग्लाइडर; एयरलिफ्ट करके टांडा मेडिकल कॉलेज लाया गया – Dharamshala News


कनाडाई पैराग्लाइडर मेगन एलिजाबेथ और उसका शव।

हिमाचल प्रदेश के धौलाधार की ऊंची पहाड़ियों में लापता 27 वर्षीय कनाडाई महिला पैराग्लाइडर मेगन एलिजाबेथ रॉबर्ट्स का शव बरामद कर लिया गया है। बीर-बिलिंग से उड़ान भरने के 48 घंटे बाद सोमवार को उनका शव हिमानी चामुंडा के पास तलन जोत से मिला। दुर्घटनास्थल कर

.

मेगन रॉबर्ट्स ने बीते शनिवार को उड़ान भरी थी, जिसके बाद से वह लापता हो गई थीं। निर्धारित लैंडिंग स्थल पर न पहुंचने पर जिला प्रशासन ने बीड़ पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन और स्थानीय पर्वतारोहियों की मदद से बचाव अभियान शुरू किया।

कनाडाई महिला पैराग्लाइडर मेगन एलिजाबेथ रॉबर्ट्स का पासपोर्ट।

कनाडाई महिला पैराग्लाइडर मेगन एलिजाबेथ रॉबर्ट्स का पासपोर्ट।

सर्च ऑपरेशन के दौरान मेगन का क्षतिग्रस्त ग्लाइडर रविवार को ही हिमानी चामुंडा मंदिर से उत्तर दिशा में क्रैश स्थिति में मिला। दुर्गम भौगोलिक क्षेत्र के कारण यहां हेलिकॉप्टर लैंडिंग मुश्किल थी। बचाव दल के सदस्य राहुल सिंह पहले हेलिकॉप्टर से रस्सी के सहारे मौके पर उतरे।

रेस्क्यू दल के राहुल ने पूरी रात अकेले शव के पास बिताई

अधिकारियों के अनुसार, मेगन की मौत कड़ाके की ठंड और चट्टानों पर गिरने से हुई। मेगन के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान बताए जा रहे है। बीड़ घाटी में शव देखे जाने के बाद रेस्क्यू दल के सदस्य राहुल सिंह ने 12800 फीट की ऊंचाई पर पूरी रविवार रात शव के साथ अकेले बिताई।

पैराग्लाइडर का शव।

पैराग्लाइडर का शव।

सोमवार को एयरलिफ्ट किया गया शव

सोमवार सुबह हेलिकॉप्टर से बचाव दल के पांच अन्य सदस्य घटनास्थल पर पहुंचे। इसके बाद टीम ने मिलकर बर्फ और चट्टानों के बीच से शव को करीब 500 मीटर ऊपर पहाड़ी तक पहुंचाया, जहां से उसे सुरक्षित एयरलिफ्ट कर गग्गल एयरपोर्ट लाया गया।

कनाडा दूतावास को सौंपा जाएगा शव

अब मृतक महिला का शव टांडा मेडिकल कॉलेज में रखा गया है। इसे अब दिल्ली स्थित कनाडा दूतावास को सौंपा जाएगा।

धौलाधार क्षेत्र में 26 हादसे हो चुके

इस घटना ने धौलाधार क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग की चुनौतियों को एक बार फिर उजागर किया है। धौलाधार की दुर्गम भौगोलिक संरचना और तेजी से बदलते मौसम के कारण पिछले पांच सालों में कांगड़ा और मंडी जिलों में 26 पैराग्लाइडिंग हादसे दर्ज किए गए हैं, जिनमें 12 लोगों की जान जा चुकी है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *