भूपति उर्फ सोनू दादा ने अपना हथियार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सौंपा।
छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में मोजुल्ला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति उर्फ सोनू दादा समेत 61 नक्सली मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने हथियार डाल दिए है। 15 अक्टूबर को उन्होंने आधिकारिक तौर पर सरेंडर किया। ये नक्सली अपने साथ हथिया
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दरअसल, भूपति नक्सल संगठन में पोलित ब्यूरो मेंबर है। यह तेलंगाना के करीब नगर का रहने वाला है। 80 के दशक से माओवाद संगठन के साथ जुड़कर काम कर रहा था। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश ओडिशा, समेत अन्य राज्यों में यह मोस्ट वांटेड था।
CG सरकार ने अकेले भूपति पर ही करीब 1 से डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम रखा है। अन्य राज्यों को मिलाकर ये 6 करोड़ रुपए से ज्यादा का इनामी है। वहीं, एक दिन पहले सुकमा जिले में 50 लाख इनामी सहित 27 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।

गढ़चिरौली में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में 61 नक्सलियों ने किया सरेंडर।

काली वर्दी पहनकर सरेंडर करने पहुंचे थे नक्सली।


महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हुआ सरेंडर।
बढ़ते दबाव की वजह से हथियार डालने का फैसला
वहीं नक्सल संगठन पर लगातार बढ़ते दबाव की वजह से इसने अपने अन्य साथ साथियों के साथ हथियार डालने का फैसला लिया और गढ़चिरौली पुलिस के पास पहुंच गया।
वहीं आज 15 अक्टूबर को ये सभी नक्सलियों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस के सामने सरेंडर किया।

सुकमा में 50 लाख इनामी सहित 27 नक्सलियों का सरेंडर
सुकमा जिले में 27 सक्रिय नक्सलियों ने 14 अक्टूबर को सरेंडर किया है। इनमें 10 महिलाएं और 17 पुरुष शामिल हैं। इनमें 50 लाख रुपए तक के ईनामी 7 नक्सली भी हैं। जिनमें एक पर 10 लाख, तीन पर 8-8 लाख, एक पर 3 लाख, दो पर 2-2 लाख और नौ पर 1-1 लाख का इनाम घोषित था।
आत्मसमर्पण करने वालों में पीएलजीए बटालियन नंबर 01 और रिजनल मिलिट्री कंपनी के हार्डकोर माओवादी शामिल हैं। सभी ने SP किरण चव्हाण और सीआरपीएफ, कोबरा सहित अन्य सीनियर अधिकारियों के सामने बिना हथियार आत्मसमर्पण किया।
माओवादियों ने बताया कि शासन की “छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति 2025” और “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रभावित होकर तथा सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव और संगठन की अमानवीय विचारधारा से परेशान होकर उन्होंने मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।
सरकार की ओर से सभी आत्मसमर्पित माओवादियों को 50-50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि और पुनर्वास सुविधाएं दी जाएंगी।
सरेंडर की मुख्य बातें
- 27 माओवादी आत्मसमर्पण – 10 महिला, 17 पुरुष शामिल
- कुल इनाम राशि – 50 लाख रुपए
- आत्मसमर्पण स्थल – SP ऑफिस, सुकमा
- प्रभावित योजनाएं – आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति 2025, नियद नेल्ला नार योजना
- प्रमुख अधिकारी – एसपी किरण चव्हाण, कोबरा व सीआरपीएफ अधिकारी उपस्थित
20 दिन पहले 71 नक्सलियों का सरेंडर
वहीं इससे 20 दिन पहले छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर 71 नक्सलियों ने सरेंडर किया था। इनमें 21 महिला और 50 पुरुष नक्सली शामिल थे। 30 नक्सलियों पर 64 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
सरेंडर करने वालों में डिवीजन कमेटी मेंबर (DVCM) और एरिया कमेटी मेंबर (ACM) रैंक के नक्सली हैं। कई नक्सली ऐसे हैं जो बड़ी मुठभेड़ों में भी शामिल रहे हैं।
इससे अलावा सुरक्षाबलों ने 23 सितंबर को नारायणपुर जिले में सेंट्रल कमेटी के दो माओवादी लीडर राजू दादा और कोसा दादा को मार गिराया था। इनपर 1.8-1.8 करोड़ का इनाम था। दोनों नक्सली महराबेड़ा में 27 CRPF जवानों की हत्या, बुकिनतोर ब्लास्ट में 4 जवानों की शहादत में शामिल थे।
इसके साथ ही जोनागुडेम और टेकलगुड़ा में 22-22 जवानों की हत्या में शामिल रहे हैं। इनके खिलाफ छत्तीसगढ़ में 16, आंध्रप्रदेश में 2, तेलंगाना में 4 और महाराष्ट्र में 5, कुल 27 गंभीर मामले दर्ज हैं।
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छत्तीसगढ़ से सटे महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पोलित ब्यूरो मेंबर मोजुल्ला उर्फ भूपति उर्फ सोनू दादा समेत 60 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। भूपति बड़े कैडर का नक्सली है। यह छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में मोस्ट वांटेड है। इस पर करीब 6 डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम घोषित था। पढ़ें पूरी खबर…