नई दिल्ली2 घंटे पहले
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निशिकांत दुबे गोड्डा से BJP सांसद हैं।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज शेयर किया, जिसमें दावा किया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी एक स्वीडिश सैन्य कंपनी के एजेंट थे। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि वह 1970 के दशक में दलाली में शामिल थे।
यह पहला मौका नहीं है, जब निशिकांत ने राजीव गांधी को लेकर कोई बयान दिया है। इससे पहले जुलाई में भी दुबे ने विकीलीक्स की एक पुरानी रिपोर्ट के हवाले से राजीव और इंदिरा गांधी पर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि 1970 के दशक में एक फाइटर जेट सौदे में राजीव गांधी ने ‘बिचौलिये’ की भूमिका निभाई थी।
देखिए वह दस्तावेज जो निशिकांत ने शेयर किया…

दस्तावेज में लिखी बातें…
- स्वीडिश एम्बॉफ ने हमें बताया है कि नई दिल्ली में विगेन पर स्वीडन के साथ मुख्य भारतीय वार्ताकार इंदिरा गांधी के बड़े बेटे, राजीव गांधी रहे हैं। विमान उद्योग से उनका जुड़ाव केवल भारतीय एयरलाइंस के पायलट के रूप में रहा है और यह पहली बार है जब हमने उनका नाम एक उद्यमी के रूप में सुना है।
- स्वीडिश एम्बॉफ का कहना है कि मिराज बिक्री के लिए डसॉ ने भारतीय एयर मार्शल मेहरा के दामाद को अपना मुख्य वार्ताकार बनाया है। मिसेज गांधी (स्वीडिश जानकारी के अनुसार) ने निजी निर्णय लिया है।
- ब्रिटिश के प्रति अपने पूर्वाग्रहों के कारण ब्रिटिश जगुआर न खरीदने का निर्णय लिया है। निर्णय मिराज और विगेन के बीच होगा। स्वीडिश राजनयिक ने कहा कि विश्व राजनीति में स्वीडन की तटस्थ स्थिति विगेन की उच्च लागत की भरपाई कर रही है। उन्होंने इस बात पर खीझ व्यक्त की कि इंदिरा गांधी भारतीय वायुसेना अधिकारियों की भागीदारी के बिना, व्यक्तिगत रूप से बातचीत में दखल दे रही हैं।
- स्वीडिश एम्बॉफ के मुताबिक स्वीडन के साथ 50 विगेन विमानों की आपूर्ति के लिए बातचीत चल रही है, जिनकी कीमत 4-5 मिलियन डॉलर प्रति विमान होगी। स्वीडन का मानना है कि भारतीयों ने अब सोवियत सैन्य विमान न खरीदने का फैसला किया है।
- डीएओ की टिप्पणी- डीएओ के पास उपरोक्त जानकारी का खंडन या पुष्टि करने के लिए कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं है।