Ola Electric Unveils India’s First Government-Certified Rare-Earth-Free Ferrite Motor | ओला इलेक्ट्रिक ने बिना रेयर अर्थ मेटल वाली मोटर बनाई: देश की पहली फेराइट मोटर को सरकार की मंजूरी; इससे चीन पर निर्भरता कम होगी

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बेंगलुरु33 मिनट पहले

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ओला इलेक्ट्रिक ने इसी साल अगस्त में संकल्प 2025 प्रोग्राम में फेराइट मोटर की तकनीक दिखाई थी। - Dainik Bhaskar

ओला इलेक्ट्रिक ने इसी साल अगस्त में संकल्प 2025 प्रोग्राम में फेराइट मोटर की तकनीक दिखाई थी।

इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बनाने वाली कंपनी ओला इलेक्ट्रिक ने देश की पहली बिना रेयर अर्थ मेटल वाली टू-व्हीलर फेराइट मोटर बनाई है। इस मोटर को सरकार की ओर से भी मंजूरी दे दी गई है।

अभी भारत इलेक्ट्रिक व्हीकल मोटर बनाने के लिए चीन पर निर्भर है। चीन जब भी रेयर अर्थ मेटल के एक्सपोर्ट पर रोक लगाता है तो भारत में इलेक्ट्रिक मोटर का प्रोडक्शन प्रभावित होता है।

ऐसे में बिना रेयर अर्थ मेटल वाली तकनीक से भारत की चीन पर निर्भरता कम होगी। ओला इलेक्ट्रिक ने बताया कि उनकी बैटरी को सर्टिफिकेट तमिलनाडु के ग्लोबल ऑटोमोटिव रिसर्च सेंटर (GARC) से मिला है।

GARC ने सड़क परिवहन मंत्रालय के तय किए गए AIS 041 नियमों के हिसाब से ओला की इस मोटर को टेस्ट किया है।

सस्ती होगी मोटर, दूसरे देशों पर निर्भरता कम होगी

ओला इलेक्ट्रिक ने इसी साल अगस्त में अपने ‘संकल्प 2025’ प्रोग्राम में पहली बार इस फेराइट मोटर की तकनीक दिखाई थी। नई फेराइट मोटर 7kW और 11kW दोनों तरह के मॉडलों में, उन मोटरों जितना ही अच्छा काम करती है जिनमें रेयर अर्थ मेटल का इस्तेमाल होता है।

ओला इलेक्ट्रिक का कहना है कि फेराइट मोटर उसी क्षमता, प्रदर्शन और मजबूती के साथ चलती है, लेकिन इसकी लागत बहुत कम है। साथ ही, इससे सप्लाई चेन में आने वाले उतार-चढ़ाव का खतरा भी खत्म हो जाएगा, जिससे स्कूटर बनाना आसान और सस्ता होगा।

गाड़ी में रेयर अर्थ मेटल्स का इस्तेमाल कहां-कहां होता है

  • रेयर मेटल्स का इस्तेमाल खास तौर पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों में किया जाता है। इनका उपयोग परमानेंट मैग्नेट इलेक्ट्रिक मोटर्स के लिए कॉम्पैक्ट और हाई परफॉर्मेंस मेग्नेट बनाने के लिए किया जाता है।
  • नियोडिमियम, डिस्प्रोसियम और टरबियम जैसे तत्वों से बने ये चुंबक, मोटरों को छोटे, हल्के और अन्य मोटर की तुलना में ज्यादा एफिशिएंट बनाते हैं, जो ईवी की रेंज और परफॉर्मेंस को बेहतर बनाते हैं।
  • इनका इस्तेमाल पेट्रोल-डीजल गाड़ियों में लगने वाले केटेलिक कन्वर्टर्स जैसे कंपोनेंट्स में भी होता है। इसके अलावा गाड़ी में लगने वाले कई सिस्टम में सेंसर से लेकर डिस्प्ले तक में ये धातुएं इस्तेमाल होती है।

रेयर मटेरियल्स की माइनिंग में चीन की करीब 70% हिस्सेदारी

बता दें कि ग्लोबल लेवल पर रेयर मटेरियल्स की माइनिंग में चीन की हिस्सेदारी करीब 70% और प्रोडक्शन में करीब 90% तक है। चीन ने हाल ही में अमेरिका के साथ बढ़ती ट्रेड वॉर के बीच 7 कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल) के निर्यात पर रोक लगा दी थी।

चीन ने कार, ड्रोन से लेकर रोबोट और मिसाइलों तक असेंबल करने के लिए जरूरी मैग्नेट यानी चुंबकों के शिपमेंट भी चीनी बंदरगाहों पर रोक दिए हैं। ये मटेरियल ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस बिजनेस के लिए बेहद अहम हैं।

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