Top 10 companies in the country in terms of market cap | टॉप-10 कंपनियों में 7 की वैल्यू ₹74,574 करोड़ बढ़ी: HDFC बैंक टॉप गेनर रहा; रिलायंस का मार्केट कैप ₹19,351 करोड़ गिरकर ₹18.45 लाख करोड़ हुआ

मुंबई1 घंटे पहले

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पिछले हफ्ते शेयर बाजार 781 अंक चढ़कर बंद हुआ। - Dainik Bhaskar

पिछले हफ्ते शेयर बाजार 781 अंक चढ़कर बंद हुआ।

मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से 7 की वैल्यू बीते हफ्ते के कारोबार में 74,574 करोड़ रुपए बढ़ गई। इस दौरान बैंकिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा खरीदारी देखने को मिली।

HDFC बैंक टॉप गेनर रहा। इसका मार्केट कैप 30,106 करोड़ रुपए बढ़कर ₹14.82 लाख करोड़ पर पहुंच गया। लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) की वैल्यू ₹20,588 करोड़ बढ़कर ₹5.73 लाख करोड़ पर पहुंच गई।

SBI का मार्केट कैप 9,277 करोड़ रुपए बढ़कर ₹8 लाख करोड़ पर पहुंच गई। वहीं, देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का मार्केट कैप 19,351 करोड़ रुपए गिरकर ₹18.45 लाख करोड़ पर आ गया है। इसके अलावा, एयरटेल और इंफोसिस की वैल्यू भी गिरी है।

पिछले हफ्ते 781 अंक चढ़ा बाजार

पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन, शुक्रवार 3 अक्टूबर को शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स 223 अंक की तेजी के साथ 81,207 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी भी 57 अंक चढ़कर 24,894 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, हफ्तेभर के कारोबार में यह 781 अंक चढ़कर बंद हुआ।

मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?

मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, उनकी वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की कुल संख्या को उनकी कीमत से गुणा करके किया जाता है।

इसे एक उदाहरण से समझें…

मान लीजिए… कंपनी ‘A’ के 1 करोड़ शेयर मार्केट में लोगों ने खरीद रखे हैं। अगर एक शेयर की कीमत 20 रुपए है, तो कंपनी की मार्केट वैल्यू 1 करोड़ x 20 यानी 20 करोड़ रुपए होगी।

कंपनियों की मार्केट वैल्यू शेयर की कीमतों के बढ़ने या घटने के चलते बढ़ता-घटता है। इसके और कई कारण हैं…

बढ़ने का क्या मतलब घटने का क्या मतलब
शेयर की कीमत में बढ़ोतरी शेयर प्राइस में गिरावट
मजबूत वित्तीय प्रदर्शन खराब नतीजे
पॉजिटीव न्यूज या इवेंट नेगेटिव न्यूज या इवेंट
पॉजिटीव मार्केट सेंटिमेंट इकोनॉमी या मार्केट में गिरावट
हाई प्राइस पर शेयर जारी करना शेयर बायबैक या डीलिस्टिंग

मार्केट कैप के उतार-चढ़ाव का कंपनी और निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

कंपनी पर असर : बड़ा मार्केट कैप कंपनी को मार्केट से फंड जुटाने, लोन लेने या अन्य कंपनी एक्वायर करने में मदद करता है। वहीं, छोटे या कम मार्केट कैप से कंपनी की फाइनेंशियल डिसीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है।

निवेशकों पर असर : मार्केट कैप बढ़ने से निवेशकों को डायरेक्ट फायदा होता है। क्योंकि उनके शेयरों की कीमत बढ़ जाती है। वही, गिरावट से नुकसान हो सकता है, जिससे निवेशक शेयर बेचने का फैसला ले सकते हैं।

उदाहरण: अगर TCS का मार्केट कैप ₹12.43 लाख करोड़ से बढ़ता है, तो निवेशकों की संपत्ति बढ़ेगी, और कंपनी को भविष्य में निवेश के लिए ज्यादा पूंजी मिल सकती है। लेकिन अगर मार्केट कैप गिरता है तो इसका नुकसान हो सकता है।

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