एसएसबी ने 12 दिवसीय कार्यशाला शुरू की।
48वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जयनगर ने शनिवार को मधुबनी के मिथिला चित्रकला संस्थान में 12 दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। इसका उद्देश्य सीमावर्ती ग्रामीण महिलाओं को मिथिला कला और हस्तशिल्प के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना तथा उन्हें आर्थिक रूप
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48वीं वाहिनी के एसएसबी कमांडेंट गोविंद सिंह भंडारी ने कार्यशाला का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला केवल कला सीखने का अवसर नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, सम्मान और स्वाभिमान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कमांडेंट भंडारी ने जोर दिया कि महिलाओं के सशक्त होने से परिवार और समाज दोनों मजबूत होते हैं।
मिथिला चित्रकला संस्थान, मधुबनी के उप निदेशक/प्रशासक अधिकारी नितीश कुमार ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने इसे संस्थान के लिए गर्व का क्षण बताया कि उसे ग्रामीण महिलाओं के कौशल विकास से जुड़ने का अवसर मिला है।
संस्थान के फैकल्टी सदस्यों में पद्मश्री बौआ देवी, पद्मश्री दुलारी देवी और पद्मश्री शिवन पासवान का विशेष उल्लेख किया गया। इन कलाकारों ने मिथिला कला को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है और वे प्रतिभागियों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
इस कार्यशाला में कुल 30 ग्रामीण महिलाएँ भाग ले रही हैं। उन्हें अगले 12 दिनों तक मिथिला पेंटिंग, पारंपरिक डिज़ाइन, हस्तशिल्प और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। उद्घाटन समारोह के बाद प्रतिभागियों और अतिथियों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई।
इस अवसर पर 48वीं वाहिनी एसएसबी जयनगर के अधिकारी, संस्थान के प्रशिक्षक और स्थानीय गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।