मुंबई2 घंटे पहले
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डिजिटल भुगतान के बढ़ते इस्तेमाल और महानगरों व बड़े शहरों में ATM चलाने की बढ़ती लागत के चलते बैंक रणनीति बदल रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में ATM का उपयोग घट रहा है और मेंटेनेंस महंगा हो गया है।
ऐसे में बैंक छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में ATM पर जोर दे रहे हैं। बैंक अधिकारियों का कहना है कि शहरी ATM से आय लागत के मुकाबले कम है। 6×8 वर्ग फीट के एटीएम स्पेस का किराया 40,000 रुपए तक पहुंच जाता है।
मुंबई जैसे शहर में मासिक देखरेख का खर्च 1 लाख रुपए तक आता है। इसके अलावा, मुफ्त निकासी की सीमा, इंटरचेंज फीस पर पाबंदी ने भी मार्जिन घटा दिया है। फिलहाल, 1 लाख लोगों पर 15 ATM हैं। इनमें 80% शहरी क्षेत्रों में हैं, जबकि 67% आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है।
ATM की संख्या घटकर कम हो रही RBI के आंकड़ों के मुताबिक, देश में ATM की संख्या 2022-23 में चरम पर 2.16 लाख तक पहुंचने के बाद 2024-25 में घटकर 2.11 लाख रह गई। इसके विपरीत, बैंक शाखाओं की संख्या बढ़कर 1.42 लाख हो गई है।
गांवों में ATM लगाना महंगा पड़ सकता है। इसके बावजूद बैंकर मानते हैं कि शहरों में ATM घाटे का सौदा साबित हो रहे हैं, ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों पर फोकस करना बेहतर है।
ATM से नगद निकासी तीन साल से घट रही
वर्ष | निकासी | बैंक ATM | बैंक शाखाएं |
21 |
₹28.89 लाख करोड़ |
₹2.11 लाख | ₹1.30 लाख |
22 | ₹31.05 लाख करोड़ | ₹2.15 लाख | ₹1.29 लाख |
23 | ₹33.04 लाख करोड़ | ₹2.16 लाख | ₹1.33 लाख |
24 | ₹32.59 लाख करोड़ | ₹2.15 लाख | ₹1.38 लाख |
25 | ₹30.63 लाख करोड़ | ₹2.11 लाख | ₹1.42 लाख |
सोर्स: RBI
ग्रामीण एटीएम के ये फायदे स्थानीय आबादी की नकदी तक आसान पहुंच माइक्रो, मोबाइल एटीएम से लागत में कटौती। एटीएम से नकद निकासी तीन साल से घट रही।
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