India’s GST Collections Rise 9.1% to ₹1.89 Lakh Crore in September 2025 | सितंबर में ₹1.89 लाख करोड़ का GST कलेक्शन: पिछले साल की तुलना में 9.1% की बढ़ोतरी; अगस्त में GST से ₹1.86 लाख करोड़ जुटाए थे

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नई दिल्ली6 घंटे पहले

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नई GST दरें लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने सितंबर में हुए GST कलेक्शन के आंकड़े जारी किए हैं। सितंबर में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से 1.89 लाख करोड़ रुपए जुटाए गए हैं। सालाना आधार पर इसमें 9.1% की बढ़ोतरी हुई है। बुधवार 1 अक्टूबर को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, एक साल पहले यानी सितंबर 2024 में सरकार ने 1.73 लाख करोड़ रुपए GST कलेक्ट किया था।

वहीं पिछले महीने अगस्त के मुकाबले सितंबर का कलेक्शन 3 हजार करोड़ रुपए बढ़ा है। अगस्त में सालाना 6.5% की बढ़ोतरी के साथ 1.86 लाख करोड़ रुपए GST वसूला गया था। इससे पहले अप्रैल 2025 में रिकॉर्ड 2.37 लाख करोड़ रुपए और मई में 2.01 लाख करोड़ रुपए GST के रूप में जुटाए गए थे।

22 सितंबर से नई GST दरें लागू हुईं थीं

इससे पहले 22 सितंबर से जरूरत के सामानों पर केवल दो स्लैब 5% और 18% में जीएसटी लागू हुआ है। सरकार ने टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के लिए ऐसा किया है। इससे आम जरूरत की चीजें जैसे UHT दूध, पनीर, घी और साबुन-शैंपू के साथ AC, कार भी सस्ते हुए हैं।

GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग में इस पर फैसला लिया गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को इसकी जानकारी दी थी।

FY25 में रिकार्ड ₹ 22.08 लाख करोड़ का कलेक्शन

जुलाई महीने में देश में GST लागू हुए 8 साल पूरे हो गए। 1 जुलाई 2017 को देश में GST लागू किया गया था। इस दौरान टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों ने नया रिकॉर्ड बनाया था। वित्त वर्ष 2024-25 में ग्रॉस GST कलेक्शन 22.08 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो 5 साल पहले 2020-21 में सिर्फ 11.37 लाख करोड़ था।

यानी, 5 साल में टैक्स वसूली लगभग दोगुनी हो गई है। 2024-25 में हर महीने औसत GST कलेक्शन 1.84 लाख करोड़ रुपए रहा। ये 5 साल पहले 2020-21 में 95 हजार करोड़ रुपए था।

टैक्सपेयर्स की संख्या दोगुनी से ज्यादा बढ़ी

GST लागू होने के वक्त 2017 में रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स की संख्या 65 लाख थी, जो अब बढ़कर 1.51 करोड़ से ज्यादा हो गई है। इससे सरकार का टैक्स बेस भी मजबूत हुआ है।

सरकार का कहना है कि GST लागू होने के बाद टैक्स कलेक्शन और टैक्स बेस दोनों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इससे देश की फिस्कल पोजिशन मजबूत हुई है और टैक्स सिस्टम ज्यादा पारदर्शी और आसान बना है।

इतिहास में सबसे बड़ा टैक्स कलेक्शन अप्रैल 2025 में रहा

सरकार ने अप्रैल 2025 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से 2.37 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे। सालाना आधार पर इसमें 12.6% की बढ़ोतरी हुई थी। ये GST कलेक्शन का रिकॉर्ड है।

इससे पहले हाईएस्ट जीएसटी कलेक्शन का रिकॉर्ड अप्रैल 2024 में बना था। तब सरकार ने 2.10 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे।

इकोनॉमी की हेल्थ दिखाता है GST कलेक्शन

जीएसटी कलेक्शन इकोनॉमिक हेल्थ का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। हायर कलेक्शन मजबूत उपभोक्ता खर्च, औद्योगिक गतिविधि और प्रभावी कर अनुपालन का संकेत देते हैं।

अप्रैल महीने में बिजनेसेज अक्सर मार्च से वर्ष के अंत के लेन-देन को क्लियर करते हैं, जिससे टैक्स फाइलिंग्स और कलेक्शन्स में वृद्धि होती है। KPMG के नेशनल हेड अभिषेक जैन ने कहा कि अब तक का हाईएस्ट GST कलेक्शन मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था को दर्शाता है।

2017 में लागू हुआ था GST

सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में GST लागू किया था। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकारों के 17 करों और 13 उपकरों को हटा दिया गया था। GST के 7 साल पूरे होने पर वित्त मंत्रालय ने पिछले सात वर्षों के दौरान हासिल की गई उपलब्धियों को लेकर पोस्ट किया।

GST एक इनडायरेक्ट टैक्स है। इसे कई तरह के इनडायरेक्ट टैक्स जैसे VAT, सर्विस टैक्स, परचेज टैक्स, एक्साइज ड्यूटी को रिप्लेस करने के लिए 2017 में लागू किया गया था। GST में 5, 12, 18 और 28% के चार स्लैब हैं।

GST को चार हिस्सों में डिवाइड किया गया है:

  • CGST (केंद्रीय जीएसटी): केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है।
  • SGST (राज्य जीएसटी): राज्य सरकारों द्वारा एकत्र किया जाता है।
  • IGST (एकीकृत जीएसटी): अंतरराज्यीय लेनदेन और आयात पर लागू, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विभाजित।
  • उपकर: स्पेसिफिक पर्पज के लिए फंड जुटाने के लिए स्पेसिफिक गुड्स (जैसे, लग्जरी आइटम्स, तंबाकू) पर लगाया जाने वाला अतिरिक्त शुल्क।

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