Now you will have to pay 50 lakh rupees | अब देना होंगे 50 लाख रुपए: आय-व्यवसाय की सही जानकारी नहीं देने का हवाला देकर बीमा कंपनी ने पति की मौत का क्लेम पत्नी को नहीं दिया – Raipur News


कोई अप्रिय स्थिति होने पर घर वालों को मदद मिल सके, इसके लिए एक युवक ने 50 लाख रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस लिया था। कुछ साल बाद उसकी अस्पताल में मौत हुई तो बीमा कंपनी ने उसकी पत्नी को क्लेम नहीं दिया। पत्नी उपभोक्ता फोरम गई। अब फोरम ने कंपनी को 6 फीसदी ब

.

दरअसल, रायपुर निवासी परिवादिनी पूजा जैन ने बताया कि, उनके पति दीपक जैन ने एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से दिसंबर 2019 को लाइफ क्लीक टू प्रोटेक्ट उडी प्लस हेल्थ पॉलिसी ली थी।

पॉलिसी के तहत पति की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी को एक्सीडेंटल दावा के तहत 50 लाख रुपए की राशि मिलनी थी। मई 2021 को उसके पति की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिवादिनी ने क्लेम किया। इस बीच बीमा कंपनी ने तरह-तरह के दस्तावेज परिवादिनी से मांग। फिर 6 माह बाद एक नोटिस भेजकर क्लेम निरस्त कर दिया। इसके बाद परिवादिनी ने जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया।

फोरम की सुनवाई में बीमा कंपनी ने कहा- दीपक ने गलत जानकारी दी

फोरम में सुनवाई के दौरान बीमा कंपनी ने कहा कि दीपक जैन ने अपने प्रस्ताव पत्र में अपनी आय और व्यवसाय से संबंधित गलत जानकारी दी है। इसलिए उनका क्लेम निरस्त किया गया है। इस दौरान बीमा कंपनी की ओर से विभिन्न केस स्टडीज का सहारा लिया गया।

इस दौरान फोरम ने कहा कि बीमा कंपनी के प्रपोजल फॉर्म में कहीं भी बीमित दीपक जैन के हस्ताक्षर नहीं हैं। इसलिए यह स्पष्ट नहीं होता कि, फॉर्म में उल्लेखित जानकारी उनके द्वारा दी गई है। फोरम ने कहा कि, बीमा कंपनी ने जिसे आधार बनाकर दावा निरस्त किया है, वह सेवा में कमी है। इसलिए फोरम ने कंपनी को आदेश दिया कि वह परिवादिनी को बीमा दावा राशि के 50 लाख रुपए 6 फीसदी ब्याज के साथ वापस करे। साथ ही उसे हुई मानसिक कष्ट के लिए 20 हजार रुपए देने का भी आदेश दिया है।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *