तेहरान36 मिनट पहले
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ईरान में 2000 से ज्यादा मौलवियों ने खुलकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की हत्या की मांग की है। इन मौलवियों ने कहा है कि ट्रम्प का खून हलाल है यानी कोई भी उन्हें खत्म कर दे तो गुनाह नहीं है।
मौलवियों ने कहा है कि जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेना हर मुसलमान का फर्ज है।
ये बयान 1 अगस्त यानी शुक्रवार को ईरान के सबसे बड़े धार्मिक शिक्षा केंद्र कुम सेमिनरी की तरफ से जारी किया गया। इसमें कहा गया,

अब सब्र का दौर समाप्त हो गया है। ट्रम्प का खून और उसकी संपत्ति अब हलाल है। सुलेमानी की शहादत का बदला लेना हर मुसलमान का फर्ज है। ये खूनी अपराधी अब नहीं बचेगा। दुनिया चुप नहीं बैठेगी। बदला जरूर लिया जाएगा।
जनरल कासिम सुलेमानी, ईरान के एक ताकतवर सैन्य अधिकारी थे जिन्हें 2020 में बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में मार दिया गया था।

जनरल कासिम इराक और सीरिया में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ने के लिए चर्चित थे।
इजराइल के धमकी वाले बयान के बाद ईरान भड़का
ईरान मौलवियों के इस बयान के पीछे इजराइली डिफेंस मिनिस्टर इसराइल काट्ज का एक इंटरव्यू है। इसमें उन्होंने कहा था,

अगर खामेनेई हमारे निशाने पर होते, तो हम उन्हें भी खत्म कर देते। मौका नहीं मिला, वरना काम कर देते।
उन्होंने ये भी कहा कि इसके लिए इजराइल को अमेरिका की इजाजत की जरूरत नहीं थी।
इजराइली मंत्री के इसी बयान ने ईरानी मौलवियों ने भी प्रतिक्रिया दी। धर्मगुरु अयातुल्ला नासिर मकारेम शिराजी ने जवाब में कहा,

जो भी इस्लामिक लीडर्स को धमकी देता है या उन पर हमला करता है, वो खुदा का दुश्मन है।
बयान पर छोटे छात्रों से लेकर बड़े-बड़े मौलवियों के साइन हैं। इनमें कई बड़े चेहरों जैसे शुक्रवार नमाज के नेता अहमद खतामी, ईरान की हित परिषद के सदस्य मोहेसन अराकी गार्जियन काउंसिल के मेंबर मेहदी शबजेंदेहदार भी शामिल थे।

इन्हें देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने नियुक्त किया है।
पहले भी बदला लेने की धमकी दे चुका ईरान
ईरान ने 2023 में ट्रम्प को मारने की धमकी दी थी। ईरान के रिवॉल्यूश्नरी गार्ड एयरोस्पेस फोर्स के तत्कालीन हेड अमीराली हाजीजादेह ने कहा था कि ईश्वर ने चाहा तो हम ट्रम्प को जरूर मारेंगे। हम उन सभी मिलिट्री कमांडर को मारना चाहते हैं, जो ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या में शामिल थे।
दरअसल, 3 जनवरी 2020 को तब के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आदेश पर उनकी सेना और CIA ने मिलकर कासिम सुलेमानी को मारा था।
2019 में जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने ईरान को परमाणु संधि तोड़ने के लिए तबाही की धमकी दी थी, तो जनरल कासिम ने कहा था कि ट्रम्प ने युद्ध शुरू किया, तो खत्म हम करेंगे।
सुलेमानी की मौत के बाद ईरान ने भी बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर 7-8 जनवरी 2020 को हमले किए थे। उसने अमेरिकी सैन्य बेसों पर 22 मिसाइलें दागी थीं। ईरान ने दावा किया था कि इस हमले में अमेरिका के 80 सैनिक मारे गए थे।
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