जैसलमेर। स्कूल के बाहर प्रदर्शन करते ग्रामीण।
जैसलमेर के पूनमनगर स्कूल में क्षतिग्रस्त गेट गिरने से स्टूडेंट की मौत पर कार्यवाहक प्रधानाचार्य सुमन बाला के निलंबन को लेकर ग्रामीण विरोध पर उतर आए हैं। ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए पूनमनगर गांव में स्थित दो सरकारी स्कूलों की तालाबंदी की।
.
ग्रामीणों की मांग है कि स्कूल की कार्यवाहक प्रधानाचार्य सुमन बाला का निलंबन रद्द किया जाए और असली गुनहगारों पर कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही ग्रामीणों ने हादसे में मृतक अरबाज के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा देने व परिवार के एक सदस्य को संविदा की नौकरी देने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक मांगें नहीं मानी जाएगी तब तक तालाबंदी जारी रहेगी।

मांगें नहीं माने जाने तक तालाबंदी जारी रखने की चेतावनी दी।
घोर लापरवाही मानते हुए किया निलंबित
गौरतलब है कि सोमवार को हुई घटना के बाद पूनम नगर पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी रामचंद्र व स्कूल की कार्यवाहक प्रधानाचार्य सुमन बाला पर कार्रवाई हुई। ग्राम विकास अधिकारी रामचंद्र को मौके पर अनुपस्थित रहने पर निलंबित किया गया। वहीं सुमन बाला, जो कि राबाउमावि हाबुर, पंचायत समिति सम, जिला जैसलमेर में कार्यरत थीं।
उन पर आरोप है कि उन्होंने स्कूल के प्रवेश द्वार की क्षति को गंभीरता से नहीं लिया। विभागीय जांच में सामने आया कि क्षतिग्रस्त प्रवेश द्वार का मलबा हटाने के बाद भी एक पिलर को खतरनाक स्थिति में वहीं छोड़ दिया गया था। साथ ही स्कूल में वैकल्पिक द्वार होने के बावजूद छात्रों का आना-जाना उसी टूटे हुए द्वार से होता रहा। घटना के बाद निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान, बीकानेर ने इसे कर्तव्य में घोर लापरवाही मानते हुए सुमन बाला को राजस्थान असैनिक सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 13(1) के तहत निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय बीकानेर रहेगा और नियमानुसार निर्वाह भत्ता देय होगा।
ग्रामीणों ने किया विरोध, स्कूल पर जड़े ताले
बीती रात सुमन बाला को निलंबन करने की खबर मिलने पर पूनमनगर के ग्रामीण इस आदेश के विरोध में आ गए। ग्रामीणों का कहना है कि असली गुनहगारों को बचाया जा रहा है और उनकी जगह निर्दोषों पर कार्रवाई हो रही है। ग्रामीणों ने मंगलवार सुबह पूनमनगर गांव में स्थित दो सरकारी स्कूलों के ताले जड़ दिए और धरना प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने पीड़ित अरबाज के परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते तीनों मांगें नहीं मानी गई तो तालाबंदी जारी रहेगी।