A minor gave birth to a baby girl at the bus stand | बस स्टैंड पर नाबालिग ने दिया बच्ची को जन्म: सातवें महीने में हुई प्री-मेच्योर डिलीवरी; अमरवाड़ा में हुआ था दुष्कर्म, आरोपी जेल में – Chhindwara News

प्रसव के दौरान बस स्टैंड पर मौजूद कुछ महिलाओं ने किशोरी की मदद की और बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला।

छिंदवाड़ा जिले के परासिया बस स्टैंड पर मंगलवार को 15 वर्षीय नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने सार्वजनिक स्थल पर बच्ची को जन्म दिया। किशोरी को आशा कार्यकर्ता जांच के लिए परासिया अस्पताल लाई थीं। जांच के बाद सोनोग्राफी की सलाह मिली थी, जिसके बाद वे किशोरी को

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प्रसव के दौरान बस स्टैंड पर मौजूद कुछ महिलाओं ने किशोरी की मदद की और बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला। थोड़ी देर में आशा कार्यकर्ता भी पहुंच गईं और दोनों को ऑटो से परासिया अस्पताल ले जाया गया।

CMHO को दी गई जानकारी घटना की सूचना मिलते ही CMHO को सूचित किया गया। बीएमओ डॉ. अंकित सहलाम ने तुरंत एम्बुलेंस भेजी, लेकिन तब तक किशोरी अस्पताल पहुंचाई जा चुकी थी। वहां डॉ. शशि अतुलकर, डॉ. रेणु सिंह और बीएमओ ने इलाज शुरू किया। प्राथमिक उपचार के बाद नवजात और किशोरी को जिला अस्पताल छिंदवाड़ा रेफर किया गया।

जन्म के बाद नवजात को नर्सों ने संभाला।

जन्म के बाद नवजात को नर्सों ने संभाला।

सातवें महीने में हुई प्री-मेच्योर डिलीवरी अस्पताल के अनुसार, बच्ची का जन्म सातवें महीने में समयपूर्व हुआ। सामान्य प्रसव की संभावना अक्टूबर के अंत में थी, लेकिन मंगलवार को अचानक प्रसव हो गया। पहले की जांच रिपोर्टों में भी प्रसव तिथि को लेकर संशय जताया गया था।

अमरवाड़ा में हुआ था दुराचार, आरोपी जेल में बंद किशोरी मूल रूप से सेठिया की निवासी है और पिछले दो वर्षों से अमरवाड़ा में रह रही थी। वहीं उसके साथ दुराचार की घटना हुई। परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई थी, और आरोपी इस समय जेल में बंद है। किशोरी को पहले भी जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था और दो बार ब्लड चढ़ाया गया था।

दोनों की हालत स्थिर, जिला अस्पताल रेफर बीएमओ डॉ. अंकित सहलाम ने बताया कि “नाबालिग और नवजात दोनों की स्थिति फिलहाल स्थिर है। लेकिन बच्ची के समयपूर्व जन्म के कारण बेहतर इलाज के लिए उन्हें जिला अस्पताल छिंदवाड़ा रेफर किया गया है।”

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