शिवलिंग पर जलाभिषेक कर रहे हैं श्रद्धालु।
आज सावन की दूसरी सोमवारी है। सुबह से ही मंदिरों और शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखने को मिलेगी। सावन मास के दूसरे सोमवारी पर कामदा एकादशी का उत्तम संयोग बन रहा है। इसके अलावा आज रोहिणी नक्षत्र के साथ चार शुभ योग- वृद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि, जयद् योग
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आज शिव के साथ श्रीहरि विष्णु की भी पूजा होगी। जहां श्रद्धालु शिव को बेलपत्र तो विष्णु को तुलसी से पूजन करेंगे।
10 वर्ष बाद कामदा एकादशी पर दूसरी सोमवारी का संयोग
आचार्य राकेश झा ने बताया कि कामदा एकादशी पर सावन की दूसरी सोमवारी का संयोग पूरे 10 वर्ष बाद आया है। वर्ष 2015 के ऐसा संयोग बना था। इसके पूर्व में 2008 में भी यही संयोग था। सोमवारी में शिव की सच्चे मन से पूजा करने पर कई गुणा पुण्यफल मिलेगा। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनपर गंगाजल, दूध, भांग-धतूरा, अकवन, मधु, घी आदि अर्पित किए जाएंगे।
शिव के साथ पार्वती की होगी विशेष पूजा
ज्योतिषी झा ने कहा कि आज सावन कृष्ण एकादशी के दिन पति-पत्नी एक साथ भगवान शंकर के साथ माता पार्वती का यथोचित पूजन कर उनको श्रृंगार प्रसाधन अर्पित करने से वैवाहिक जीवन खुशहाल रहेगा। सोमवारी के दिन शिव की पूजा करने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है।
वहीं, सुयोग्य और सुलक्षणा पत्नी पाने के लिए कुंवारे भोलेनाथ को जलार्पण कर व्रत रखेंगे। शिवलिंग को गंगाजल, पंचामृत, गन्ना रस, दूध, दही, घी, मधु व गुड़ से स्नान कराकर उनका चंदन, फूलमाला, बेलपत्र, अकवन, इत्र आदि से उनका श्रृंगार कर ऊँ उमामहेश्वराय नम: मंत्र का जाप करने से सर्वकामना पूर्ण होते है।
शिव को अर्पित करने वाले वस्तु का महत्व
गंगाजल : मानसिक शांति
दूध : उत्तम स्वास्थ्य
दही : स्थिरता, गंभीरता में इजाफा
घी- पौरुष, बल, बुद्धि, विवेक में वृद्धि
मधु : वाणी में मधुरता
गुड़ : दुःख, कष्ट व दरिद्रता का नाश
इत्र : मन, कर्म, विचार में शुद्धता
केसर : यश, वैभव व सौम्यता में वृद्धि
भांग : रोग-शोक, कष्ट से मुक्ति
भस्म : मान-सम्मान में वृद्धि
शिव पूजन के लिए शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि : सुबह 08:04 बजे तक
अमृत मुहूर्त : प्रातः 05:12 बजे से 06:53 बजे तक
शुभ मुहूर्त : सुबह 08:34 बजे से 10:15 बजे तक
अभिजित मुहूर्त : दोपहर 11:29 बजे से 12:23 बजे तक
चर-लाभ-अमृत मुहूर्त: दोपहर 01:37 बजे से शाम 06:40 बजे तक
प्रदोष काल मुहूर्त: शाम 06:40 बजे से रात्रि 08:54 बजे तक