प्योंगयांग7 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

नॉर्थ कोरिया का वॉनसन-काल्मा बीच रिसॉर्ट 24 जून को नॉर्थ कोरियाई पर्यटकों और 1 जून को विदेशी पर्यटकों के लिए खोला गया।
उत्तर कोरिया ने अपने मशहूर वॉनसन-काल्मा बीच रिसॉर्ट को विदेशी पर्यटकों के लिए अचानक बंद कर दिया है। उत्तर कोरिया सरकार इस रिसॉर्ट के जरिए विदेशी टूरिस्ट्स को लुभाकर अपने फॉरेन करेंसी रिजर्व को बढ़ाना चाहती थी।
यह रिसॉर्ट को नार्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन का ड्रीम प्रोजेक्ट था। अब इसके अचानक बंद होने से कई सवाल खड़े हो गए हैं।
वॉनसन-काल्मा बीच रिसॉर्ट उत्तर कोरिया के पूर्वी तट पर बसा एक शानदार टूरिस्ट स्पॉट है। इसे 2014 में बनाना शुरू किया गया था। यह उत्तर कोरिया का ‘हवाई’ कहा जाता था।
इसे 24 जून को लोकल टूरिस्ट्स के लिए खोला गया था। रिसॉर्ट में लग्जरी होटल, समुद्र तट, वाटर पार्क और शॉपिंग सेंटर जैसी सुविधाएं हैं। इस रिसॉर्ट में एक साथ लगभग 20,000 लोग ठहर सकते हैं।

नॉर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन ने 24 जून को नॉर्थ कोरियाई टूरिस्ट के लिए इस रिसॉर्ट को खोला था।

इस रिसॉर्ट को बनाने के लिए 2014 में काम शुरू किया गया, यह 11 साल में बनकर तैयार हुआ था।

रिसॉर्ट में लगभग 20000 मेहमानों के लिए ठहरने की व्यवस्था है, जिसमें 150 से ज्यादा होटल, विला, रेस्तरां, शॉपिंग मॉल, वॉटर पार्क, जिम और कॉन्सर्ट हॉल है।

यह रिसॉर्ट पूर्वी तट पर काल्मा आइलैंड के पास वॉनसान शहर में स्थित है। यह 4 किलोमीटर लंबे म्योंगसासिमनी समुद्र तट पर फैला हुआ है।

यहां वॉटर स्लाइड्स, स्विमिंग पूल, खेल सुविधाएं और समुद्र तट पर मनोरंजन की सुविधाएं हैं।

किम जोंग उन ने अपनी पत्नी री सोल-जू और बेटी किम जू-ए के साथ रिसॉर्ट का दौरा किया था।

इस रिसॉर्ट का मकसद उत्तर कोरिया की आधुनिक छवि और पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देना है।
रूसी पत्रकार की रिपोर्ट से बंद हुआ रिसॉर्ट
उत्तर कोरिया की आधिकारिक टूरिज्म वेबसाइट DPR कोरिया टूर ने बिना कोई ठोस कारण बताए कहा कि रिसॉर्ट अस्थायी रूप से बंद किया गया है, लेकिन कुछ खबरों में दावा किया जा रहा है कि एक रूसी पत्रकार की रिपोर्ट से इसे बंद करना पड़ा है।
दरअसल ये पत्रकार रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ रिसॉर्ट गया था और उसने बताया कि वहां मौजूद ‘पर्यटक’ असल टूरिस्ट्स नहीं हैं, बल्कि इन्हें सरकार ने भेजा था। इस खुलासे के बाद उत्तर कोरिया की साख को नुकसान पहुंचा था।

12 जुलाई को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव नॉर्थ कोरिया के दौरे पर पहुंचे थे।
आर्थिक दबाव भी एक वजह
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि रिसॉर्ट को चलाने में भारी खर्च आ रहा था। अगर विदेशी सैलानी नहीं आएंगे, तो रूबल, युआन या डॉलर जैसी विदेशी मुद्रा नहीं मिलेगी। इससे रिसॉर्ट को चलाना मुश्किल हो सकता है।
इसके अलावा, हो सकता है कि रिसॉर्ट को पूरी तरह तैयार करने या कुछ और आंतरिक कारणों से ये फैसला लिया गया हो।
यात्रा की लागत से भी मुश्किलें
वहीं, साउथ कोरिया के कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल यूनिफिकेशन के एक्सपर्ट ओह ग्योंग-सियोब का कहना है कि उत्तर कोरिया ने विदेशी पर्यटकों को रिसॉर्ट में आने की इजाजत देने से होने वाले नकारात्मक परिणामों के डर से यह फैसला लिया।
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस रोक का रूसी पर्यटकों पर खास असर नहीं पड़ेगा, लेकिन दूरी और यात्रा की लागत की वजह से यहां रूसी पर्यटकों को आकर्षित करना मुश्किल हो सकता है।
———————————
यह खबर भी पढ़ें…
रूस ने अमेरिका, साउथ कोरिया और जापान को चेतावनी दी:कहा- नॉर्थ कोरिया के खिलाफ सैन्य गठबंधन न बनाएं

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका, साउथ कोरिया और जापान को चेतावनी दी है कि वे नॉर्थ कोरिया को निशाना बनाकर कोई सिक्योरिटी अलायंस या सैन्य गठबंधन न बनाएं। यहां पढ़ें पूरी खबर…