Soil flowed under the culvert, pillars were hanging in the air in jamtara | पुलिया के नीचे मिट्टी बही, पिलर झूल रहे ‎हवा में: जामताड़ा प्रशासन ने बंद किया रास्ता‎, चार पंचायतों की 2.50 ‎लाख आबादी प्रभावित‎ – Jamtara News

यह पुल चितरा, सारठ एवं‎ देवघर से संपर्क का एक महत्वपूर्ण मार्ग है, लेकिन अब आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया ‎है।

जामताड़ा के दक्षिणबहाल जोरिया पर बना‎पुलिया गंभीर खतरे की स्थिति में पहुंच गई है।‎ लगातार बारिश के कारण पुलिया के चार पिलरों‎ के नीचे की मिट्टी बह गई है। इससे ये पिलर अब‎ हवा में झूल रहे हैं। स्थिति को देखते हुए विभाग ‎और जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभा

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यह पुल चितरा, सारठ एवं‎ देवघर से संपर्क का एक महत्वपूर्ण मार्ग है, लेकिन अब आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया ‎है। यात्री व वाहन चालकों को अब 15-20 ‎किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाकर पसोई ‎बाइपास होते हुए नेशनल हाइवे और साहिबगंज के‎ रास्ते से देवघर जाना पड़ रहा है।

प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से पुल के दोनों ओर‎ बैरियर लगाकर आवाजाही पूरी तरह बंद कर दिया‎ है। साथ ही चौबीस घंटे निगरानी के लिए चौकीदार ‎की नियुक्ति भी कर दी गई है, ताकि कोई भी भारी‎ वाहन पुल पर न चढ़ सके।

दक्षिणबहाल जोरिया पर बनी पुलिया करीब‎ 30 वर्ष पुरानी है। (फाइल)

दक्षिणबहाल जोरिया पर बनी पुलिया करीब‎ 30 वर्ष पुरानी है। (फाइल)

जोरिया पर बनी यह पुलिया करीब 30 वर्ष पुरानी, वैकल्पिक मार्ग से जाने की अपील‎

पथ निर्माण विभाग कार्यपालक अभियंता विक्की रवीश मुर्मू ने बताया कि दक्षिणबहाल जोरिया पर बनी पुलिया करीब‎ 30 वर्ष पुरानी है। विभाग ने वर्ष 2018-19 में इसे पूरी तरह जर्जर घोषित कर दिया था और इसकी स्थिति को लेकर ‎राज्य सरकार को रिपोर्ट भी भेजी गई थी। हालांकि, राज्य स्तर से अब तक पुल के पुनर्निर्माण या मरम्मत के लिए कोई ‎स्वीकृति प्राप्त नहीं हो सकी है।‎

जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से पुल से ‎होकर चार पहिया और भारी वाहनों के आवाजाही ‎पर रोक लगा दी है।

जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से पुल से ‎होकर चार पहिया और भारी वाहनों के आवाजाही ‎पर रोक लगा दी है।

पुलिया के क्षतिग्रस्त हो जाने से‎ दक्षिणबहाल, ताराबहाल, कजरा‎ और भिटरानवाडीह पंचायत के ‎लगभग 10,000 घरों के करीब‎ 2.50 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं।‎ बोधबांध, टीकाडीह, पट्टाजोरी,‎ मोहलीडीह, चिलावासा, ‎ग्वालपीपला सहित दर्जनों गांवों का‎ संपर्क जामताड़ा बाजार से टूट गया‎ है।

ग्रामीणों को अब 10 किलोमीटर‎ दूर पोसोई बाईपास होकर सफर‎ करना पड़ रहा है। इस स्थिति से ‎आवागमन में भारी परेशानी हो रही‎ है। विशेषकर स्कूल जाने वाले बच्चों‎ को कठिनाइयों का सामना करना पड़‎ रहा है। वाहन चालक पुल के दूसरी ‎ओर बच्चों को लगभग 7 किलोमीटर ‎पहले ही उतार दे रहे हैं।‎

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