हरियाणा के गुरुग्राम में जमीन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसमें कई अन्य व्यक्तियों और कंपनियों के नाम भी शामिल हैं।
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ईडी की ओर से गुरुग्राम के शिकोहपुर में भूमि सौदा मामले में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ जांच की जा रही है। यह मामला सितंबर 2018 का है। इसमें सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा, हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ और एक प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर में भ्रष्टाचार, जालसाजी और धोखाधड़ी सहित अन्य आरोप लगाए गए हैं।
वाड्रा पर आरोप हैं कि उनसे जुड़ी कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपए में 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी। इस सौदे का म्यूटेशन भी असामान्य तरीके से कर दिया गया। आरोप है कि हरियाणा के तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने इस जमीन में से 2.70 एकड़ जमीन को कॉमर्शियल कॉलोनी के तौर पर डेवलप करने की इजाजत देते हुए रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को इसका लाइसेंस दिया था।
डीएलएफ को 58 करोड़ में बेची जमीन
आवासीय परियोजना का लाइसेंस मिलने के बाद जमीन की कीमत बढ़ गई। बाद में वाड्रा से जुड़ी कंपनी ने ये जमीन डीएलएफ को 58 करोड़ में बेच दी। आगे चलकर हुड्डा सरकार ने आवासीय परियोजना का लाइसेंस डीएलएफ को ट्रांसफर कर दिया।
आरोप है कि इस पूरी डील में कई अनियमितताएं की गई। हरियाणा पुलिस ने 2018 में इस सौदे से जुड़े मामले में केस दर्ज किया। आगे चलकर ईडी ने भी इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की।