सुप्रीम कोर्ट (SC) ने कड़छम-वांगतू पावर प्रोजेक्ट से रॉयल्टी को लेकर हिमाचल सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है। इसके बाद अब जेएसडब्ल्यू एनर्जी कंपनी को 1045 मेगावाट क्षमता वाली इस परियोजना से राज्य को 12 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत रॉयल्टी देनी होगी। सर
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12 साल पूर्ण कर चुकी अन्य परियोजनाओं के लिए भी सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मील का पत्थर बनेगा। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से खजाने में हर साल 250 करोड़ की अतिरिक्त इनकम होगी। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मुद्दे को कई बार प्रधानमंत्री, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से उठाया। सीएम सुक्खू बार-बार राज्य से संसाधनों का दोहन कर इनकम बढ़ाने की बात करते रहे हैं।

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू।
हाईकोर्ट में हार गई थी राज्य सरकार SC के इस फैसले के बाद हिमाचल हाईकोर्ट का मई 2024 में आया फैसला निरस्त हो गया है, जिसमें कंपनी को केवल 12 प्रतिशत रॉयल्टी देने की अनुमति दी गई थी। 1999 में राज्य सरकार और कंपनी के बीच हुए समझौते के अनुसार परियोजना के पहले 12 सालों तक 12 प्रतिशत और उसके बाद शेष 28 सालों तक 18 प्रतिशत रॉयल्टी निर्धारित की गई थी।
कंपनी ने 6% अतिरिक्त रॉयल्टी देने से किया था इनकार सितम्बर 2011 में परियोजना के संचालन के आरंभ होने के बाद कंपनी ने 12 सालों तक 12 प्रतिशत रॉयल्टी दी, लेकिन सितम्बर 2023 से अतिरिक्त 6 प्रतिशत रॉयल्टी देने से इनकार कर दिया। विवाद हिमाचल हाईकोर्ट में पहुंचा। हाईकोर्ट में कंपनी की जीत हुई। मगर SC से राज्य सरकार के पक्ष में फैसला आया है।
ये एडवोकेट SC में पेश हुए
इस मामले में राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, प्राग त्रिपाठी, महाधिवक्ता अनूप रतन तथा अतिरिक्त महाधिवक्ता बैभव श्रीवास्तव सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए।