Different news- America will buy flies from Panama, they will save humans | खबर हटके-इंसानों का मांस खाने वाले कीड़ों से बचाएंगी मक्खियां: लिफ्ट मांग कर फ्री में घूमे 16 देश; जानिए दिनभर की 5 रोचक खबरें

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9 मिनट पहलेलेखक: प्रांशू सिंह

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अमेरिका में मांस खाने वाले कीड़ों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस कीड़े(लार्वा) को इंसान खाने वाले कीड़े के नाम से भी जाना जाता है। अब इसको खत्म करने के लिए अमेरिका खास तरीके की मक्खियों की मदद लेने जा रहा है।

वहीं 26 साल की लड़की ने फ्री में 16 देशों की यात्रा की। इस दौरान उसने हिच हाइकिंग (लिफ्ट लेकर) करके चीन, रूस और अफ्रीका के देशों की यात्रा की।

आइए जानते हैं, ऐसी ही कुछ रोचक खबरें जो बीते दिन दुनिया में चर्चा में रहीं……

हाल ही में अमेरिका (USA) और मेक्सिको में खास तरीके का लार्वा पाया गया जो जिंदा मांस खाता है। इन कीड़ों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस फैमिली के ज्यादातर कीड़े मरे हुए मांस खाते हैं। अब अमेरिकी सरकार मांस खाने वाले कीड़ों को खत्म करने के लिए खास तरीके की मक्खियों को हवा में छोड़ने की तैयारी कर रहा है।

एक्सपर्ट्स को आशंका है कि ये कीड़े बीफ इंडस्ट्री को खराब, जंगली जानवरों को खत्म और पालतू जानवरों को भी मार सकते हैं। साइंस की भाषा में, इस कीड़े को ‘न्यू वर्ल्ड स्क्रूवर्म फ्लाई’ कहा जाता है। यह कीड़े अपने अंडे घाव/चोट में देते हैं। वहीं ये एक गाय को दो हफ्तों में मार सकते हैं।

इन कीड़ों को अमेरिका कैसे कंट्रोल करेगा ? दशकों पहले भी अमेरिका और पनामा में इन कीड़ों को खत्म करने का अभियान चलाया गया था। उस दौरान पनामा से नर मक्खियों का आयात कर रेडिएशन से स्टेरलाइज किया गया और हवा में छोड़ दिया गया था। स्टेरलाइज नर मक्खियों से कीड़ों के अंडों से बच्चे नहीं हुए। धीरे-धीरे इन कीड़ों की संख्या कम हो गई और स्टेरलाइज नर मक्खियों की आबादी भी पूरी तरह खत्म हो गई।

अब एक बार फिर अमेरिका इसी तकनीकी से मांस खाने वाले लार्वा को खत्म करने की योजना बना रहा है। इसके लिए पनामा से मक्खियां इम्पोर्ट की जाएंगी। इस साल के अंत तक साउथ टेक्सस में मक्खियों का डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर खोला जाएगा।

कनाडा की 26 साल की कर्टनी एलन, जिसने फ्री में 16 देशों की यात्रा की। इस दौरान उसने 13 हजार किलोमीटर घुमा। एलन ने कहा- यूके में यात्रा का खर्च बहुत महंगा था, इसलिए हिचहाईकिंग (लिफ्ट लेकर यात्रा करना) शुरू किया। अब ऐसे यात्रा करना आदत हो गई है।

एलन ने आयरलैंड से यूरोप के रास्ते अफ्रीका की यात्रा शुरू की थी। सिर्फ ₹1800 में पूरा अफ्रीका घूम लिया। एलन ने अब तक 16 देशों में 13000 किलोमीटर से ज्यादा का सफर फ्री में तय किया है। इसमें उन्होंने 400 से ज्यादा बार लिफ्ट लिया हैं।

आजकल लोग पैसे बचाने के लिए क्या-क्या नहीं करते। ब्रिटेन में मैक्सिमिलियन आर्थर नाम के यूट्यूबर ने मरने का नाटक किया, ताकि वह अपनी छूटी हुई फ्लाइट का पैसा एयरलाइन से वापस ले सके। आर्थर को एयरलाइन की पॉलिसी में लूप होल मिला, जिसमें मौत की स्थिति में पैसा वापस मिल सकता था।

आर्थर ने बताया कि दो महीने पहले उसकी फ्लाइट छूट गई। रिफंड के लिए अप्लाई करने पर लीगल डॉक्यूमेंट मिला, जिसमें लूप होल मिला। फिर मौत के ड्रामे को असली बनाने के लिए उसने ‘प्रिंसिपैलिटी ऑफ सेबोर्गा’ नाम के छोटे देश से मौत का सर्टिफिकेट बनवाया। इसके बाद उसने एयरलाइन को रिफंड रिक्वेस्ट भेजा। एयरलाइन से रिक्वेस्ट अप्रूव करके पैसे भेजने के लिए बैंक डिटेल्स मांगे। इसके बाद एयरलाइन की लूप होल का खुलासा हुआ।

आजकल लोग एक नौकरी करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कोई शख्स एक ही समय पर 5 से 6 कंपनियों में नौकरी कर रहा हो, और भनक तक न लगे?

सोहम पारेख नाम के इंजीनियर ने ‘रिमोट हायरिंग’ सिस्टम को पूरी तरह से ‘हैक’ कर लिया है। वे सालाना 800,000 डॉलर (लगभग ₹6.7 करोड़) तक कमा रहे हैं। अब सोशल मीडिया पर लोग इसे ‘सोहम-गेट’ स्कैंडल बोल रहे हैं।

फर्जी रिज्यूम, नकली अपडेट्स से किया फ्रॉड कंपनियों ने सोहम पारेख पर आरोप लगाया कि वह एक ही वक्त में पांच से छह फुल-टाइम नौकरियां कर रहा था। वो भी अमेरिका के बड़े स्टार्टअप में। उसने कथित तौर पर रिमोट हायरिंग सिस्टम को धोखा देने के लिए कई हथकंडे अपनाए।

  • फर्जी रिज्यूम: उसने नौकरी पाने के लिए नकली रिज्यूम का इस्तेमाल किया।
  • झूठे अपडेट्स: काम के बारे में गलत या गोलमोल जानकारी देता था।
  • टेक्निकल स्किल्स: इंटरव्यू में उसकी तकनीकी जानकारी इतनी अच्छी लगती थी कि लोग हैरान रह जाते थे।

CEO ने सोशल मीडिया पर सोहम की पोल खोली अब Playground AI के सीईओ सुहैल दोशी ने X पर सोहम पारेख की पोल खोली। उन्होंने बताया कि सोहम की बातों में ईमानदारी नहीं थी। इसके चलते एक हफ्ते के अंदर ही नौकरी से निकाल दिया था।

सोहम के रिज्यूम में मुंबई यूनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री और जॉर्जिया टेक से मास्टर डिग्री होने का दावा किया गया है। उसमें Dynamo AI, Union AI, Synthesia और Alan AI जैसी कंपनियों में काम करने का भी जिक्र है। ये नाम उसे इंटरव्यू क्रैक करने में मदद करते थे। लेकिन असली काम ‘कंसिस्टेंट’ नहीं रहता था।

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में कृपालपुर गांव की महिलाओं ने बच्चों की पढ़ाई के लिए नदी पर पुल बना डाला। दरअसल हुआ यूं कि, गांव के लोगों को बाजार, अस्पताल और स्कूल जैसी जरूरी सुविधाओं के लिए नांव से नदी पार करना पड़ता था। इसके लिए नाव वाले मनमाने पैसे लेते थे। गांव वाले पिछले 20 सालों से जिला प्रशासन, विधायक और सांसद से नदी पर पुल बनाने की अनुरोध कर रहे थे।

जब प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की तो गांव की महिलाओं ने समस्या को हल करने की कमान संभाल ली। गांव की दो महिलाएं, कलावती और सीमा देवी ने गांव के बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखकर फैसला किया कि वे खुद पुल बनाएंगी। गांव के करीब 250 बच्चों को पढ़ने के लिए नदी पार करके जाना पड़ता है, जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई रुक जाती थी।

ग्रामीणों का मिला साथ, ₹60-70 हज़ार में बन रहा है ‘अस्थाई पुल’ कलावती और सीमा के हौसले को देखकर दूसरे ग्रामीण भी उनसे जुड़ने लगे। धीरे-धीरे सभी गांववालों के सहयोग से अब यह अस्थाई पुल बनकर तैयार हो रहा है। इस पुल को बनाने में करीब 60-70 हजार रुपए का खर्च आया है, और ग्रामीण इसे पूरा करने में जुटे हैं।

तो ये थी आज की रोचक खबरें, कल फिर मिलेंगे कुछ और दिलचस्प और हटकर खबरों के साथ…

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